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सुप्रीमकोर्ट पहुंचा अपर जिला जज पर लगा भ्रष्टाचार का मामला
दिल्ली/मुजफ़्फरनगर न्यूज़: जनपद के एक अपर जिला जज पर भ्रष्टाचार के आरोप के मामले ने नया मोड़ ले लिया है। इस मामले में जज की पत्नी की शिकायत पर दर्ज एफआईआर पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। वरिष्ठ अधिवक्ता अमित कुमार जैन ने जनपद मुजफ़्फरनगर में तैनात एक एडीजे व उनकी पत्नी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे तथा जिसकी शिकायत मुख्य न्यायमूर्ति इलाहाबाद को ऑडियो रिकॉर्डिंग के साथ की गई थी, जिसमें विजिलेंस जाँच उच्च न्यायालय में चल रही है, इसके अतिरिक्त एडीजे की पत्नी ने सिविल लाईन थाने में अधिवक्ता अमित कुमार जैन के खिलाफ रिपोर्ट लिखवाई थी, जिसकी जांच सीबीआई से कराने के लिए अमित कुमार जैन एडवोकेट ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी जिसमे 25 अप्रैल 2022 को सीबीआई जांच की मांग खारिज़ करते हुए हाईकोर्ट ने एसएसपी को अपनी निगरानी में जांच के आदेश दिए थे, जिससे संतुष्ट नही होने पर अमित कुमार जैन एडवोकेट ने सुप्रीमकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
सुप्रीम कोर्ट ने 14 जुलाई 2०22 को उच्च न्यायालय इलाहाबाद सहित उत्तर प्रदेश राज्य एवं एसएसपी मुजफ्फरनगर व थाना अध्यक्ष सिविल लाइन तथा वादिया श्रीमती नीरू अग्रवाल को नोटिस जारी कर 1 अगस्त 2022 नियत की थी, जिसमें सुप्रीम कोर्ट द्वारा सुनवाई करते हुए उच्च न्यायालय इलाहाबाद द्वारा कोई जवाब दाखिल न करने की स्थिति में उच्च न्यायालय इलाहाबाद को 2 हफ्ते का समय प्रदान करते हुए काउंटर शपथपत्र व कार्यवाही रिपोर्ट पेश करने के आदेश पारित किए तथा थाना सिविल लाइन मुजफ्फरनगर मामले की जांच को एसआईटी का गठन करने हेतु डीजीपी उत्तर प्रदेश को आदेशित किया कि वह 1 सप्ताह के अंदर एसआईटी का गठन करें, जिसमें एक डायरेक्ट आईपीएस ऑफिसर एवं डिप्टी एसपी तथा एक एसएचओ की टीम गठित की जाए तथा स्टेटस रिपोर्ट 2 सप्ताह के अंदर कोर्ट में दाखिल करने का निर्देश दिया, साथ ही साथ अधिवक्ता अमित कुमार जैन की गिरफ्तारी पर भी रोक लगा दी गई व मामले की सुनवाई के लिए 22 अगस्त नियत की है ।