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किरायेदार नहीं खोल रहे थे घर, 156 घंटे बाद दंपत्ति को मिला अपना घर
नई दिल्ली/नोएडा: नोएडा एक्सटेंशन में किराएदार के साथ चल रहे विवाद के कारण मकान मालिक को अपने फ्लैट में बेगानों की तरह 156 घंटे रहना पड़ा. महाराष्ट्र से रिटायर होकर ग्रेटर नोएडा वेस्ट में स्थित स्काई गार्डन सोसाइटी में अपने घर पर रहने आए मकान मालिक ने ट्वीट कर कहा कि वह कितने बदनसीब हैं कि अपने घर में प्रवेश करने पर महिला किराएदार रोक रही है.
वहीं, महिला किराएदार का कहना है कि मकान मालिक ने उसे इस कदर बेइज्जत किया है कि उसका अब राह चलना भी मुश्किल हो गया है. ऐसे हालात में अब उसे कोई इलाके में मकान नहीं मिल रहा है. उसका यह भी आरोप है कि मकान मालिक ने उसके साथ मारपीट भी की है, मकान मालिक आरोपों को सिरे से खारिज कर रहे थे. काफी जद्दो जहद के बाद आखिर मकान मालिक को अपना घर मिल गया.
स्काई गार्डेन टी-5 एफ-1505 नंबर के फ्लैट सुनील कुमार का है. रिटायर होने के बाद वह मुंबई से यहां रहने के लिए आए. जब मकान मालिक की पत्नी राखी गुप्ता ने ट्वीट किया कि उसे उसके ही मकान में घुसने नहीं दिया जा रहा है. जबकि, किरायेदार से यह तय हुआ था कि जब भी वह आएगी, उसे एक कमरा उपलब्ध कराया जाएगा. राखी गुप्ता ने ट्वीट में एक फोटो भी शेयर किया था, जिसमें पति पत्नी सीढ़ियों के पास बैठे थे. उन्होंने कहा था कि वह कितने बदनसीब हैं, जिन्हें किरायेदार अपने ही घर में घुसने नहीं दे रहा है. पुलिस, प्रशास सहित अन्य सोसाल मीडिया पर जब घटना फैलने लगी तब कही जा कर किरायेदार द्वारा फ्लैट के आधे हिस्से को मकान मालिक को दिया गया है. फिलहाल, दोनों के बीच का विवाद 156 दिन बाद खत्म हुआ है.
मकान मालिक सुनील कुमार की पत्नी राखी गुप्ता ने किरायेदार प्रीति गुप्ता के आरोपों को सिरे से नकार दिया. उन्होंने कहा कि 35 वर्ष मुंबई में रहने और रिटायर्ड होने के बाद वे ग्रेटर नोएडा वेस्ट स्थित अपने फ्लैट में शिफ्ट होने के लिए आए हैं. अप्रैल और फिर मई में प्रीति गुप्ता को फ्लैट खाली करने का नोटिस दिया था, लेकिन उसने हर बार कुछ न कुछ बहाना बना दिया.
आरोप है कि साल-2021 में भी प्रीति ने इमोशनल ब्लैकमेल कर मकान किराये पर लिया था. तब उसने कोविड और दूसरी परेशानियों का जिक्र किया था. राखी गुप्ता ने मारपीट के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वे सीनियर सिटीजन हैं, उनके शरीर में इतनी ताकत नहीं है कि वे किसी से मारपीट करें. उन्होंने कहा कि यहां सोसायटी के सभी लोग उसके विरोध में हैं. सभी चाहते हैं कि प्रीति मकान छोड़कर चली जाए, लेकिन वह जबरदस्ती फ्लैट में जमी हुई है. वहीं, अब अपने घर मे रहने को जब मिल गया तो मकान मालिक और परिवार बहुत खुश है और आगे मिल बैठ कर समस्या का समाधान निकालने की बात कही जा रही. फिलहाल, मकान मालिक और किरायेदार दोनो फ्लैट के अंदर रह रहे हैं.
दूसरी तरफ विवाद पर किरायेदार प्रीति गुप्ता ने बताया कि मकान छोड़ना उनके लिए कोई बड़ी बात नहीं है, लेकिन मकान खाली कराने का जो तरीका अपनाया गया, वह बेहद कष्टकारी, पीड़ाजनक और अपमानजनक है. प्रीति गुप्ता पांच वर्ष के बेटे की अकेली मां हैं. खुद मेहनत कर अपना और बच्चे का गुजार करती हैं. अकेला और कमजोर समझकर मकान मालिक ने उन्हें और उनके बच्चे की जमकर पिटाई की बाल पकड़कर घसीटा था.
उन्होंने बताया कि शिकायत पर पुलिस भी आई, लेकिन उसने भी कुछ नहीं किया. प्रीति ने बताया कि उसे इस कदर बेइज्जत किया है कि हालात इतने खराब हो गए हैं कि उनका घर से निकलना मुश्किल हो गया है. प्रीति गुप्ता का कहना है कि 22 जुलाई 2021 को उनका रेंट एग्रीमेंट बना था. नियमानुसार 21 जून को उसकी अवधि समाप्त हो गई, लेकिन अप्रैल के महीने से ही उसे प्रताड़ित किया जाने लगा. उस समय उनका पांच साल का बेटा बीमार था और अस्पताल में भर्ती था. इसके बावजूद मकान खाली करने के लिए उनके साथ मारपीट की गई. उन्हें ऐसे ऐसे शब्द कहे गए, जिसे किसी भी सभ्य व्यक्ति को जुबान पर लाना संभव नहीं है. तमाम जगहों पर शिकायत के बाद मेने अब मकान मालिक को रहने के लिए घर खोल दिया है.