दिल्ली-एनसीआर

दिल्‍ली में दागी अधिकारियों को जेल की हवा खिलाएंगी स्‍वाति मालीवाल दिल्‍ली सरकार से DCW ने मांगा अपराधियों का डाटा

Manish Sahu
25 Aug 2023 3:47 PM GMT
दिल्‍ली में दागी अधिकारियों को जेल की हवा खिलाएंगी स्‍वाति मालीवाल दिल्‍ली सरकार से DCW ने मांगा अपराधियों का डाटा
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दिल्ली एनसीआर: दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्‍वाति मालीवाल ने दिल्‍ली में 16 साल की नाबालिग के रेप के आरोपी दिल्ली सरकार के अधिकारी को बर्खास्त करने की मांग की है. आयोग की ओर से कहा गया कि 16 साल की एक नाबालिग लड़की ने आरोप लगाया है कि अधिकारी ने उसके साथ कई बार बलात्कार किया और जब वह गर्भवती हो गई, तो आरोपी की पत्नी ने उसे कुछ गोलियां खिला दीं, जिससे उसका गर्भपात हो गया. मामले में एफआईआर दर्ज कर ली गई है और आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.
इस मामले में दिल्ली महिला आयोग ने भी जांच शुरू कर दी है. इसके साथ ही आयोग ने दिल्ली सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग, और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया. जिसके बाद आयोग को सूचित किया गया कि आरोपी व्यक्ति के खिलाफ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के संबंध में पहले भी चार शिकायतें दर्ज की गई थीं. इनमें से तीन शिकायतें तीन अलग-अलग महिलाओं द्वारा दी गईं, जबकि चौथी शिकायत गुमनाम थी. तीनों शिकायतकर्ताओं ने माननीय दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया. बताया गया कि एक आवेदन माननीय उच्च न्यायालय द्वारा निस्तारित कर दिया गया था जबकि शेष दो अभी भी वहां लंबित हैं.
दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को संबोधित अपनी सिफारिशों में, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने आरोपी को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की है क्योंकि उस पर एक नाबालिग लड़की के खिलाफ रेप के संगीन अपराध का आरोप लगाया गया है. उन्होंने यह भी सिफारिश की है कि सरकार को कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न (रोकथाम, निषेध और निवारण) अधिनियम के तहत एक नई मजबूत आंतरिक शिकायत समिति का गठन करना चाहिए, जिसमें लैंगिक मुद्दों पर काम करने वाले प्रमुख गैर सरकारी संगठनों के और अधिक बाहरी विशेषज्ञ शामिल हों. यह समिति दिल्ली सरकार में तैनात अधिकारियों के खिलाफ कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की सभी लंबित शिकायतों की जांच करे और अपनी रिपोर्ट सरकार के साथ-साथ दिल्ली महिला आयोग को तत्काल सौंपे. इसके साथ ही साथ ही सरकार को ऐसे अधिकारियों की सूची बनानी चाहिए जिनके खिलाफ महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराध के मामले लंबित हैं और इसकी तत्काल जांच की जानी चाहिए.
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