दिल्ली-एनसीआर

Manish Sisodia को बेल मिलने पर स्वाति मालीवाल भी हो गईं खुश

Jyoti Nirmalkar
9 Aug 2024 7:49 AM GMT
Manish Sisodia को बेल मिलने पर स्वाति मालीवाल भी हो गईं खुश
x
दिल्ली के कथित शराब घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग मामलों में पूर्व उपमुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता मनीष सिसोदिया को आज सुप्रीम कोर्ट ने जमानत मिल गई। वह 17 महीने से तिहाड़ जेल में बंद थे। सिसोदिया को बेल मिलने पर राज्यसभा सांसद स्वाति मालीवाल ने भी खुशी जताई है। 'आप' की राज्यसभा सांसद swati maliwal स्वाति मालीवाल ने सोशल मीडिया प्लैटफॉर्म 'एक्स' पर लिखा, ''मनीष जी की बेल से बहुत खुशी है। उम्मीद है अब वो लीड लेकर सरकार को सही दिशा में लेके चलेंगे।'' बता दें कि, स्वाति मालीवाल दिल्ली के सीएम आवास में हुए कथित 'पिटाई' के बाद 'आप' सरकार और उसके नेताओं के खिलाफ मुखर हो गई हैं। वह पार्टी के नेताओं और उनकी नीतियों का सड़क से सदन तक खुलकर विरोध करती दिख रही हैं। हालांकि, उन्होंने अब तक ना तो 'आप' ने पार्टी से बाहर निकाला है, और न उन्होंने खुद ही इस्तीफा दिया है।
'आप' ने सिसोदिया की जमानत को सत्य की जीत बताया आम आदमी पार्टी ने सिसोदिया की जमानत को सत्य की जीत बताते हुए शुक्रवार को कहा कि उन्हें साजिशन 17 महीने जेल में रखा गया। 'आप' ने एक्स पर लिखा “आज सत्य की जीत हुई है। इस मामले में कोई सच्चाई नहीं थी। हमारे नेताओं को जबर्दस्ती जेल में रखा गया था। मनीष सिसोदिया को साजिशन 17 महीने जेल में रखा गया। क्या भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मनीष सिसोदिया के इन 17 महीनों का हिसाब देंगे?” 'आप' की राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा, “मनीष सिसोदिया
Manish Sisodia
यह 17 महीने दिल्ली के स्कूलों को बनाने में लगाते, लेकिन भाजपा ने इन्हें बर्बाद कर दिया। मैं माननीय सुप्रीम कोर्ट को नमन करूंगा। कोर्ट के इस फैसले से दिल्ली का एक-एक नागरिक खुश है। इसके साथ ही मैं उम्मीद करता हूं कि मुख्यमंत्री Arvind Kejriwal अरविंद केजरीवाल और सत्येंद्र जैन को भी जल्द न्याय मिलेगा और वह भी बाहर आएंगे।” वहीं, 'आप' नेता एवं राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा, “दिल्ली शिक्षा क्रांति के नायक मनीष सिसोदिया को जमानत मिलने से पूरे देश में आज खुशी है। मैं सुप्रीम कोर्ट का हृदय की गहराई से आभार व्यक्त करता हूं।” उन्होंने कहा “मनीष सिसोदिया को 530 दिन तक जेल की सलाख़ों के पीछे रखा गया। उनका जुर्म इतना था कि उन्होंने गरीबों के बच्चों को एक बेहतर भविष्य दिया। प्यारे बच्चों, आपके मनीष अंकल वापिस आ रहे हैं।”
Next Story