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एनसीआर नॉएडा में सुपरटेक के ट्विन टावरों को गिराने को लेकर अभी तक संशय बरकरार

Admin Delhi 1
12 Aug 2022 5:53 AM GMT
एनसीआर नॉएडा में सुपरटेक के ट्विन टावरों को गिराने को लेकर अभी तक संशय बरकरार
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एनसीआर नॉएडा न्यूज़: दिल्ली से सटे नोएडा में सुपरटेक के ट्विन टावरों को कब गिराया जाएगा, इसको लेकर संशय है। पिछली स्टेटस रिपोर्ट के अनुसार दो अगस्त से दोनों टावरों में विस्फोटक लगाने का काम शुरू करना था। कंपनी को यह काम 20 अगस्त तक पूरा करना था। तीन दिन का बफर लिया गया था। ऐसे में विस्फोटक लगाने का काम इस समय अपनी लास्ट स्टेज में होता, लेकिन पुलिस की एनओसी मिलने के बावजूद केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआरइ) और सुपरटेक प्रबंधन के बीच आपसी खींचतान से विस्फोटक लगाने का काम शुरू ही नहीं हो सका। अभी भी संशय की स्थिति है कि 28 अगस्त को दोनों टावरों का ध्वस्तीकरण हो सकेगा या नहीं, क्योंकि बात स्ट्रक्चरल आडिट पर आकर रुक गई है, जिसे सुपरटेक प्रबंधन ने कराया नहीं है। ऐसे में रातों रात स्ट्रक्चर आडिट कहां से होगा। इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं है।

बता दें कि एडफिस ने प्राधिकरण को स्पष्ट कर दिया है कि दोनों इमारत 25 जुलाई से विस्फोटक लगाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। दो अगस्त को एनओसी मिलने के बाद सीबीआरआइ ने कई तकनीकी मुद्दों पर रिपोर्ट मांगी थी। दो अगस्त से रिचार्ज शुरू करना था। 16 एक्सपर्ट और 80 मजदूर साइट पर खाली बैठे हैं। एडफिस का साफ कहना है कि 28 अगस्त तक यदि टावर नहीं गिराए गए और इसके बाद कोई हादसा होता है तो इसकी जिम्मेदारी एडफिस इंजीनियरिग की नहीं होगी, क्योंकि टावरों का भार पूरी तरह से हल्का हो चुका है। यह टावर कभी भी स्वत: किसी ओर भी गिर सकते हैं। वहीं सीबीआरआइ ने पहले रिपोर्ट मांगने में देरी की। रिपोर्ट पर क्लियरेंस जहां दो अगस्त से पहले दी जानी चाहिए थी, उसे 10 अगस्त को दिया गया। इससे एडफिस का विस्फोटक लगाने का रास्ता साफ हो गया, लेकिन बिना स्ट्रक्चरल आडिट रिपोर्ट क्लियरेंस के वह विस्फोटक लगाने का काम शुरू भी नहीं कर सकता। अब यह रिपोर्ट सुपरटेक प्रबंधन 15 अगस्त को देने की बात कह रहा है, जो किसी भी सूरत में संभव नहीं है।

स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में हुई जमा: सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई होनी है, स्टेटस रिपोर्ट प्राधिकरण की ओर जमा कर दी गई है। दोनों टावरों में विस्फोटक रिचार्ज कब से शुरू किया जाएगा, यह कोर्ट की सुनवाई में ही तय हो सकेगा।

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