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सर्वे में खुलासा: मांस पर प्रतिबंध के समर्थन में भाजपा और आप के समर्थक, कांग्रेस के समर्थक हुए खिलाफ

Kunti Dhruw
5 April 2022 6:15 PM GMT
सर्वे में खुलासा: मांस पर प्रतिबंध के समर्थन में भाजपा और आप के समर्थक, कांग्रेस के समर्थक हुए खिलाफ
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देश में अब खान-पान भी ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा बन गया है।

नई दिल्ली: देश में अब खान-पान भी ध्रुवीकरण की राजनीति का हिस्सा बन गया है। नवरात्रि उत्सव के नौ दिनों के दौरान मांसाहारी भोजन की बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के दक्षिण दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) के हालिया फैसले ने इस मुद्दे पर देशव्यापी विवाद खड़ा कर दिया है।

आईएएनएस-सीवोटर के एक सर्वेक्षण में विभिन्न राजनीतिक दलों के समर्थकों की प्रतिक्रियाओं में दिलचस्प अंतर देखने को मिला है। हालांकि सर्वे में शामिल उत्तरदाताओं का एक आश्चर्यजनक बहुमत पवित्र त्योहार की अवधि के दौरान मांस की बिक्री पर लगाए गए प्रतिबंधों का समर्थन करता प्रतीत होता है।
राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण में शामिल हुए कम से कम 61 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि वे नवरात्रि के दौरान मांस की बिक्री को प्रतिबंधित करने के निर्णय से सहमत हैं, वहीं 28 प्रतिशत से कुछ अधिक लोग इससे असहमत नजर आए। इसके अलावा लगभग 10 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने कहा कि इस मामले पर उनकी कोई राय नहीं है।
सर्वे के दौरान आश्चर्यजनक रहस्योद्घाटन इस तथ्य को लेकर हुआ कि भाजपा और आप दोनों के अधिकतर समर्थक इन प्रतिबंधों को स्वीकार कर रहे हैं, जबकि अधिकांश कांग्रेस समर्थक प्रतिबंधों को सही नहीं मान रहे हैं। उत्तरदाताओं का एक बड़ा बहुमत (50.5 प्रतिशत) इस प्रस्ताव से असहमत भी दिखा, क्योंकि उनका मानना है कि इस तरह के प्रतिबंध संवैधानिक नहीं हैं, क्योंकि यह स्वतंत्र विकल्प के खिलाफ है।
इसी तरह, लगभग 54 प्रतिशत उत्तरदाताओं की राय थी कि निर्णय का उद्देश्य मुस्लिम समुदाय को लक्षित करना है, जबकि लगभग 47 प्रतिशत कांग्रेस समर्थकों ने महसूस किया कि निर्णय ने मुस्लिम समुदाय को लक्षित किया है। पिछले कुछ वर्षों में बड़ी संख्या में हुए स्वतंत्र सर्वेक्षण यह सुझाव देते हैं कि अधिकांश भारतीय मांसाहारी हैं, हालांकि वे धार्मिक त्योहारों के दौरान प्रतिबंधों का विकल्प चुनते हैं।


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