दिल्ली-एनसीआर

सुप्रीम कोर्ट इस दिन करेगा मवेशियों में 'लंपी स्किन वायरस' का मुद्दा उठाने वाली याचिका पर सुनवाई

Renuka Sahu
13 Oct 2022 2:08 AM GMT
Supreme Court to hear on this day a petition raising the issue of Lumpy Skin Virus in cattle
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न्यूज़ क्रेडिट : .punjabkesari.in

उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह मवेशियों में लंपी चर्म रोग से संबंधी मुद्दे को उठाने वाली एक याचिका पर 31 अक्टूबर को सुनवाई करेगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। उच्चतम न्यायालय ने बुधवार को कहा कि वह मवेशियों में लंपी चर्म रोग से संबंधी मुद्दे को उठाने वाली एक याचिका पर 31 अक्टूबर को सुनवाई करेगा। प्रधान न्यायाधीश यू. यू. ललित की अध्यक्षता वाली पीठ के समक्ष मामले को तत्काल सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का उल्लेख किया गया था।

मामले का उल्लेख करने वाले वकील ने पीठ को बताया कि रोग मवेशियों में फैल रहा है और इस बीमारी से अब तक 67,000 गोवंश मारे गए हैं। पीठ में न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूर्ति एस. आर. भट भी शामिल हैं। मामला 31 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।
लंपी चर्म रोग एक संक्रामक बीमारी है जो मवेशियों को प्रभावित करती है। इसमें मवेशियों को बुखार आता है, त्वचा पर गांठें बनने लगती हैं और इसके चलते उनकी मौत भी हो सकती है। यह रोग मवेशियों के मच्छरों, मक्खियों, जोंक, कीड़े मकोड़ों के सीधे संपर्क में आने से फैलता है। यह दूषित चारे, पानी से भी फैलता है।
केंद्र ने पिछले महीने कहा था कि जुलाई में महामारी की शुरुआत के बाद से लंपी चर्म रोग से 67,000 से अधिक पशुओं की मौत हुई है। यह रोग गुजरात, राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में फैल गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 12 सितंबर को कहा था कि केंद्र और राज्य इस बीमारी को फैलने से रोकने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने अंतरराष्ट्रीय डेयरी संघ विश्व डेयरी सम्मेलन (आईडीएफ डब्ल्यूडीएस) 2022 का उद्घाटन करने के बाद कहा था लंबी चर्म रोग के लिए स्वदेशी टीके का विकास किया गया है।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने मवेशियों में लंपी चर्म रोग के मामलों से निपटने और संक्रमित पशुओं के उपचार के लिए पृथक वार्ड स्थापित करने के वास्ते हर क्षेत्र में पशु चिकित्सकों की टीम के गठन का अनुरोध करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए 28 सितंबर को दिल्ली सरकार तथा दिल्ली नगर निगम से जवाब मांगा था।
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