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दिल्ली-एनसीआर
सुप्रीम कोर्ट ने सुजान सिंह पार्क फ्लैट से सरकारी अधिकारियों को निकालने के HC के आदेश पर लगायी रोक
Deepa Sahu
6 April 2022 11:22 AM GMT
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सुप्रीम कोर्ट ने सुजान सिंह पार्क फ्लैट में किराये पर रह रहे.
नयी दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने सुजान सिंह पार्क फ्लैट में किराये पर रह रहे. केंद्रीय कर्मचारियों को बाहर निकालने संबंधी दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश पर बुधवार को रोक लगा दी। दिल्ली के पॉश इलाके खान मार्केट के पास स्थित सुजान सिंह पार्क में बने कुछ फ्लैट में केंद्र सरकार के कर्मचारी किराये पर रहते हैं। ये फ्लैट केंद्र सरकार ने किराया पर लिया हुआ है। अतिरिक्त किराया नियंत्रक (एआरसी) ने सर शोभा सिंह एंड संस प्राइवेट लिमिटेड के आग्रह पर इन कर्मचारियों को फ्लैट खाली करने का निर्देश दिया था।
दिल्ली हाईकोर्ट ने भी एआरसी के निर्देश को सही ठहराया तो केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस हेमंत गुप्ता की अगुवाई वाली पीठ ने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। खंडपीठ ने साथ ही सर शोभा सिंह एंड संस प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ दायर केंद्र सरकार की याचिका पर कंपनी के खिलाफ नोटिस भी जारी किया है। खंडपीठ के एक अन्य सदस्य जस्टिस वी रामसुब्रमणियम हैं। दरअसल, केंद्र सरकार की ओर मामले की पैरवी कर रहे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि रिएल एस्टेट फर्म ने सरकारी अधिकारियों से फ्लैट खाली करने के लिये वहां बांउसर भेजे थे। उन्होंने साथ ही हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने का आग्रह भी किया था।
सर शोभा सिंह एंड संस के वकील मनिंदर सिंह ने पीठ को बताया कि केंद्र सरकार को किराये के रूप में भारी राशि का भुगतान करना है। उन्होंने साथ ही आग्रह किया कि कोर्ट जनवरी 2020 में पारित हाईकोर्ट के आदेश पर रोक न लगाये। उन्होंने कहा कि उनके मुवक्किल को इस मामले में जवाब देने की अनुमति दी जानी चाहिये। इस पर कोर्ट ने उन्हें चार सप्ताह का समय दिया।
गौरतलब है कि देश की स्वतंत्रता से पहले ब्रिटिश सरकार ने सर शोभा सिंह को 1945 में दिल्ली में 7.58 एकड़ जमीन सशर्त लीज पर दी थी। यह जमीन सुजान सिंह पार्क उत्तर और सुजान सिंह पार्क दक्षिण के रूप में विकसित की गयी। यहां रिएल एस्टेट फर्म ने 84 फ्लैट बनाये। फर्म के साथ लेकिन यह शर्त रखी गयी थी कि वह आधे फ्लैट भारत सरकार को किराये पर देगा, और भारत सरकार ही उनका किराया तय करेगी।
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