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उच्चतम न्यायालय ने अब्दुल्ला आजम की याचिका पर आदेश रखा सुरक्षित
दिल्ली कोर्ट रूम न्यूज़: उच्चतम न्यायालय ने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता आजम खान के पुत्र मोहम्मद अब्दुल्ला आजम खान के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को रद्द करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर अपना फैसला कल (मंगलवार) को सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी और न्यायमूॢत बी. वी. नागरत्ना की पीठ ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद कहा कि वह आदेश पारित करेगी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि 2017 में जब अब्दुल्ला आजम स्वार निर्वाचन क्षेत्र से सपा उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन पत्र दाखिल किया था, उस समय वह चुनाव लडऩे के योग्य नहीं थे क्योंकि उनकी उम्र 25 वर्ष से कम थी। उत्तर प्रदेश में रामपुर की एक अदालत ने अब्दुल्ला आजम के लिए फर्जी जन्म प्रमाणपत्र हासिल करने में कथित भूमिका को लेकर आजम खान और उनकी पत्नी को जेल भेज दिया था। उसी प्रमाण पत्र के आधार पर अब्दुल्ला आजम ने चुनाव लड़ा था। यह मामला अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाणपत्रों से जुड़ा है, जिन्होंने 2017 के विधाानसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र दाखिल करते समय कथित तौर पर गलत जन्मतिथि दी थी। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2019 में अब्दुल्ला के चुनाव को रद्द कर दिया था।
रामपुर के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नेता आकाश सक्सेना ने तीन जनवरी 2019 को अलग-अलग तारीखों के साथ दो जन्म प्रमाण पत्र हासिल करने में धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए प्राथमिकी दर्ज कराई थी। आरोप है कि आजम खान के पुत्र के पास दो पासपोर्ट और दो पैन कार्ड भी थे। आरोपपत्र के अनुसार रामपुर नगर पालिका द्वारा जारी एक जन्म प्रमाणपत्र में अब्दुल्ला आजम की जन्मतिथि एक जनवरी 1993 बताई गई थी। दूसरे प्रमाण पत्र के अनुसार उनका जन्म 30 सितंबर 1990 को लखनऊ में हुआ था।