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सुप्रीम कोर्ट ने आप सरकार के विवाद पर फैसला रखा सुरक्षित,
दिल्ली: दिल्ली में अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार की मांग कर रही केजरीवाल सरकार की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों की संविधान पीठ ने फैसला सुरक्षित रख लिया है।
सुनवाई के अंत में केंद्र सरकार के वकील सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने मामला बड़ी बेंच को भेजने की मांग की। कहा- राजधानी को अराजकता में नहीं झोंका जा सकता है।
बता दें कि इससे पहले कल यानी 17 जनवरी को भी इस मामले पर सुनवाई हुई थी और इस दौरान भी सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने दिल्ली सरकार के प्रदर्शन को लेकर सवाल उठाए थे।
अदालत में दलील देते हुए कहा कि
सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत में दलील देते हुए कहा कि आम आदमी पार्टी नाट्य का सहारा ले रही है और एलजी वीके सक्सेना के खिलाफ विरोध कर रही है, जबकि उन्हें पता है कि मामला सुप्रीम कोर्ट की एक संवैधानिक पीठ के समक्ष लंबित है।
सॉलिसिटर जनरल ने आगे कहा कि विरोध और नाटकीयता अदालती कार्यवाही को प्रतिस्थापित नहीं कर सकते हैं। राष्ट्रीय राजधानी में हो रहे ऐसे विरोध प्रदर्शनों को दुनिया देखती है और यह शर्मिंदगी का विषय बन जाता है।
राज्यपाल पर साधा था निशाना
केजरीवाल ने उपराज्यपाल वीके सक्सेना पर चुनी हुई सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा था कि सक्सेना हमारे प्रधानाध्यापक नहीं हैं, जो हमारा गृह कार्य जांचेंगे और उन्हें हमारे प्रस्तावों पर केवल हां या ना कहना है।
केजरीवाल ने कहा कि सक्सेना को विद्यार्थियों के गृह कार्य की जांच करने वाले प्रधानाध्यापक की तरह व्यवहार नहीं करना चाहिए।
'आप' सरकार ने दावा किया कि
स्कूली शिक्षकों को प्रशिक्षण के लिए फिनलैंड भेजने के राज्य सरकार के प्रस्ताव को सक्सेना ने खारिज कर दिया है, लेकिन उपराज्यपाल के कार्यालय ने इस आरोप से इनकार किया।
वहीं, कल दिल्ली विधानसभा के सत्र की पहले दिन की कार्यवाही शुरू होने के कुछ देर बाद ही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई, क्योंकि आप विधायक उपराज्यपाल के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बार-बार अध्यक्ष के आसन के पास आ रहे थे।