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39 महिला अधिकारियों को सेना में 7 दिन में स्थायी कमीशन देने का सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश

Kunti Dhruw
22 Oct 2021 3:55 PM GMT
39 महिला अधिकारियों को सेना में 7 दिन में स्थायी कमीशन देने का सुप्रीम कोर्ट ने दिया आदेश
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सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि शार्ट सर्विस कमीशन (एसएससी) की 39 महिला अधिकारियों को सेना में स्थायी कमीशन देने संबंधी आदेश सात कार्य दिवसों में जारी किया जाए। साथ ही शीर्ष अदालत ने उन 25 महिला अधिकारियों का कारण सहित विवरण भी मांगा है जिन्हें स्थायी कमीशन देने पर विचार नहीं किया गया। केंद्र सरकार ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि 72 महिला एसएससी अधिकारियों के हर मामले की फिर से पड़ताल की गई। इनमें से एक अधिकारी ने सेना छोड़ने का फैसला किया है।

39 अधिकारियों के नाम पर स्थायी कमीशन के लिए विचार किया जा सकता है। सात को चिकित्सकीय आधार पर अयोग्य पाया गया है। 25 अधिकारियों को स्थायी कमीशन नहीं दिया जा सकता क्योंकि उनके खिलाफ अनुशासनहीनता और आदेशों की अवहेलना की प्रतिकूल सालाना गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) है और उनकी संचालनात्मक (आपरेशनल) रिपोर्ट भी खराब है। जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस बी.वी. नागरत्ना की पीठ ने कहा कि शीर्ष अदालत में चार अवमानना याचिका दाखिल करने वाली 36 महिला अधिकारियों के समूह में से जिन्हें स्थायी कमीशन के योग्य नहीं पाया गया है, केंद्र सरकार योग्य नहीं पाई गई या स्थायी कमीशन देने से इन्कार की गई प्रत्येक अधिकारी के बारे में कारण देते हुए तालिका के रूप में विवरण दाखिल करेगी।
केंद्र ने पहले शीर्ष अदालत को बताया था कि इन सभी 72 महिला एसएससी अधिकारियों को सेना में स्थायी कमीशन प्रदान करने के अयोग्य पाया गया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि इस अदालत का 25 मार्च, 2021 का अंतिम आदेश है और स्थायी कमीशन देने पर विचार इस अदालत द्वारा जारी विशेष निर्देशों के दायरे में होना चाहिए। अदालत ने कहा कि प्रतिवादियों (केंद्र और सेना) की ओर से सुनवाई की अगली तारीख पर एक हलफनामा दाखिल किया जाएगा, जिसमें स्पष्ट रूप से बताया जाएगा कि संबंधित 72 अधिकारियों को स्थायी कमीशन देने या नहीं देने में इस अदालत द्वारा जारी निर्देशों के इतर किसी भी कारण का संज्ञान नहीं लिया गया है।
पीठ ने कहा कि एडिशनल सालिसिटर जनरल (एएसजी) संजय जैन ने बताया है कि जिन 25 महिला अधिकारियों को स्थायी कमीशन के योग्य नहीं पाया गया है, उनके पुरुष सहकर्मियों को भी समान आधार पर स्थायी कमीशन नहीं दिया गया है। एएसजी ने यह भी कहा है कि स्थायी कमीशन के योग्य नहीं पाई गईं अधिकारियों के संबंध में इस अदालत के समक्ष एक तालिका पेश की जाएगी। इसके बाद अदालत अगर उचित समझेगी तो उस तालिका को याचिकाकर्ताओं के वकील से साझा करेगी ताकि वे कानून के मुताबिक प्रक्रिया अपना सकें। मामले पर अगली सुनवाई दीवाली की छुट्टियों के बाद होगी।


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