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सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक अहम टिप्पणी की, जानिए पूरा मामला
फाइल फोटो
जनता से रिस्ता वेबडेसक | सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को साफ किया कि सभी पटाखों पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। शीर्ष अदालत ने कहा कि केवल उन्हीं पटाखों के इस्तेमाल पर रोक लगाई गई है जिनमें बेरियम साल्ट होता है। इसके साथ ही अदालत ने कहा कि उत्सव की आड़ में प्रतिबंधित पटाखों को अनुमति नहीं दी जा सकती है।
न्यायधीश एमआर शाह और एएस बोपन्ना की पीठ ने कहा कि किसी भी प्राधिकरण को दिशानिर्देशों का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। अदालत ने कहा कि पटाखों पर प्रतिबंध को लागू करने में राज्यों, एजेंसियों और केंद्र शासित प्रदेशों की ओर से किसी भी चूक को बहुत गंभीरता से लिया जाएगा।
स्वास्थ्य के अधिकार का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती
पीठ ने कहा कि कोई भी उत्सव किसी की जीन की कीमत पर नहीं हो सकता है। किसी को भी संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत किसी के स्वास्थ्य के अधिकार का उल्लंघन करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है, खास तौर बच्चों और बुजुर्गों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने के मामलो में यह अधिक महत्वपूर्ण है।
पटाखों के उपयोग पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं, केवल इनकी है मनाही
शीर्ष अदालत की पीठ ने आगे कहा, 'यह स्पष्ट किया जाता है कि पटाखों के उपयोग पर पूरी तरह प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। केवल उन्हीं पटाखों पर प्रतिबंध लगाया गया है, जो स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं और नागरिकों, विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों व बच्चों के स्वास्थ्य को प्रभावित करने वाले पाए जाते हैं।