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कोरोना प्रभावित परिवारों के पुनर्वास को लेकर केंद्र और राज्यों को सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस

Deepa Sahu
26 Nov 2021 4:06 PM GMT
कोरोना प्रभावित परिवारों के पुनर्वास को लेकर केंद्र और राज्यों को सुप्रीम कोर्ट ने जारी किया नोटिस
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सुप्रीम कोर्ट खबर

सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी (Covid 19 Pandemic) से गंभीर रूप से प्रभावित परिवारों का पुनर्वास सुनिश्चित करने के लिए राष्ट्रीय योजना तैयार करने का आग्रह करने वाली याचिका पर शुक्रवार को केंद्र और सभी राज्यों से जवाब मांगा. न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एएस बोपन्ना की पीठ ने सुधीर कठपालिया द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और सभी राज्य सरकारों को नोटिस जारी किया. याचिका में उन छात्रों के लिए शिक्षा शुल्क में छूट का आग्रह किया गया है जिन्होंने कोविड-19 महामारी ​​​​के प्रकोप के कारण अपने माता-पिता को खो दिया है.

याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता राजेश कुमार चौरसिया ने कहा कि कोविड के कारण अनाथ हुए बच्चों या उन परिवारों जिनके कमाने वाले सदस्य घातक वायरस के कारण मारे गए हैं, की पीड़ा को कम करने के लिए कोई योजना अस्तित्व में नहीं है.
6 हफ्ते के अंदर मांगा जवाब
पीठ ने कहा कि वह नोटिस जारी कर रही है जिसका छह सप्ताह में जवाब दिया जाना चाहिए. याचिका में कहा गया है, 'माता-पिता के असामयिक निधन के कारण बच्चों के अनाथ होने की खबरें हैं और राज्यों को परिवारों की कठिनाइयों को कम करने और अनाथ बच्चों के समग्र कल्याण के लिए तत्काल पर्याप्त कदम उठाने की जरूरत है.'
इसमें कहा गया है कि ऐसी आशंका है कि कोविड-19 महामारी के कारण अपने माता-पिता के आकस्मिक निधन के कारण शुल्क का भुगतान न करने के कारण अनेक छात्र अपनी शिक्षा से वंचित रह गए होंगे. याचिका में केंद्र को कोविड-19 महामारी से प्रभावित परिवारों के पुनर्वास के लिए राज्य सरकारों के साथ विमर्श कर राष्ट्रीय स्तर की योजना तैयार करने का निर्देश दिए जाने का आग्रह किया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात सरकार को लगाई थी फटकार
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात में कोरोना से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को मुआवजा पाने में आ रही दिक्कतों पर राज्य सरकार को फटकार लगाई और पीड़ितों को जल्द मुआवजा दिए जाने का आदेश दिया. इसी के साथ कोर्ट ने ये भी कहा कि अगर मुआवजा देने में देरी की गई तो लीगल सर्विस अथॉरिटी को जिम्मेदारी सौंप दी जाएगी. कोर्ट ने ये भी कहा कि मामले पर सॉलिसीटर जनरल के साथ बैठकर प्रक्रिया को सरल बनाया जाए.
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