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सुप्रीम कोर्ट: यौन कर्मियों के आंकड़े जुटाने व राशन जारी रखने के दिए निर्देश

Kunti Dhruw
28 Feb 2022 3:41 PM GMT
सुप्रीम कोर्ट: यौन कर्मियों के आंकड़े जुटाने व राशन जारी रखने के दिए निर्देश
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सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे यौन कर्मियों की पहचान करने की प्रक्रिया और उन्हें सूखा राशन देना जारी रखें।

सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे यौन कर्मियों की पहचान करने की प्रक्रिया और उन्हें सूखा राशन देना जारी रखें। जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा कि जो स्टेटस रिपोर्ट दी गई है उसके आंकड़े वास्तविक नहीं हैं। इसलिए राज्यों को इनके आंकड़े जुटाने के लिए केवल राष्ट्रीय एड्स नियंत्रण संगठन (एनएसीओ) द्वारा तैयार सूची पर भरोसा न करते हुए सामुदायिक संगठनों की मदद लेली चाहिए। अदालत ने इनके आंकड़ों और सूखा राशन को लेकर चार हफ्ते में अनुपालन रिपोर्ट मांगा है।

पीठ ने कहा कि एनएसीओ और सामुदायिक संगठनों द्वारा चिह्नित यौनकर्मियों के सत्यापन के बाद उन्हें मतदाता पहचान पत्र भी जारी किया जाना चाहिए। शीर्ष अदालत ने 10 जनवरी, 2022 को जारी आदेश में निहित निर्देशों के क्रियान्वयन के संबंध में तीन हफ्ते में स्थिति रिपोर्ट पेश करने को कहा है। इस मामले पर चार हफ्ते के बाद सुनवाई होगा।
यूनीक पहचानपत्र प्राधिकरण ने एक हलफनामा दायर कर अदालत को बताया कि यौन कर्मियों को बिना पहचान पत्र के भी आधार कार्ड जारी किया जा सकता है। लेकिन एनएसीओ या राज्य स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी प्रमाणपत्र दिखाना होगा। सुप्रीम कोर्ट एनजीओ दरबार महिला समन्वय समिति की उस याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें यौनकर्मियों के कोरोना के दौरान सामने आई कठिनाइयों का मुद्दा उठाया गया है। कोर्ट ने इससे पहले भी इनसे बिना कोई पहचानपत्र मांगे सूखा अनाज देने का निर्देश दिया था।
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