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सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला, 'ससुराल वालों से घर बनाने के लिए पैसे मांगना भी होगा दहेज अपराध'

Deepa Sahu
12 Jan 2022 1:28 PM GMT
सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया अहम फैसला, ससुराल वालों से घर बनाने के लिए पैसे मांगना भी होगा दहेज अपराध
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सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दहेज से जुड़ा एक मामले मे अहम फैसला सुनाया है।

नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दहेज से जुड़ा एक मामले मे अहम फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि घर के निर्माण के लिए ससुराल वालों से पैसे मांगना दहेज की मांग है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे एक अपराध बताया है। साथ ही कोर्ट ने एक मामले में दोषियों की सजा को बहाल किया है। मामला मध्य प्रदेश का है। जहां पर एक महिला ने दहेज उत्पीड़न से परेशान होकर आत्महत्या कर ली थी।

प्रधान न्यायाधीश एन वी रमण, न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने कहा कि दहेज की मांग की सामाजिक बुराई से निपटने के लिए आईपीसी में धारा 304-बी का प्रावधान किया गया था जोकि खतरनाक स्तर तक पहुंच गया था। पीठ ने कहा, 'प्रावधान (दहेज अधिनियम) के आलोक में, जो 'दहेज' शब्द को परिभाषित करता है और किसी भी प्रकार की संपत्ति या मूल्यवान वस्तु को अपने दायरे में लेता है।
शीर्ष अदालत उच्च न्यायालय के उस फैसले के खिलाफ मध्य प्रदेश सरकार द्वारा दायर एक अपील पर सुनवाई कर रही थी, जिसने एक महिला द्वारा अपने ससुराल में आत्महत्या किये जाने को लेकर उसके पति और ससुर की आईपीसी की धारा 304-बी और धारा 306 के तहत दोषसिद्धि और सजा के फैसले को खारिज कर दिया था। निचली अदालत ने इस मामले में मृतक के पति और ससुर को आईपीसी की धारा-304-बी (दहेज हत्या), आत्महत्या के लिए उकसाने और दहेज उत्पीड़न के तहत दोषी ठहराया था।
पुलिस जांच में ये भी सामने आया था कि आरोपी मृतक महिला से घर के निर्माण के लिए लगातार पैसे की मांग कर रहे थे। महिला का परिवार पैसे नहीं दे पा रहा था। जिसके परिणामस्वरूप महिला को लगातार परेशान किया गया और उसे प्रताड़ित किया गया। वहीं हाईकोर्ट के फैसले पर असहमति जताते हुए पीठ ने कहा, विधायिका के इरादे को विफल करने वाली कानून के किसी प्रावधान की व्याख्या को इस पक्ष में छोड़ दिया जाना चाहिए कि वह सामाजिक बुराई को खत्म करने के लिए कानून के माध्यम से हासिल की जाने वाली वस्तु को बढ़ावा न दे।


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