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नोएडा: सुपरटेक ग्रुप की मुश्किलें और बढ़ने जा रही हैं. ग्रुप की सबसे अहम परियोजना सुपरनोवा पर नोएडा प्राधिकरण के 20 करोड़ से अधिक रुपये बकाया हैं. नोएडा प्राधिकरण की ओर से इस रकम की वसूली के लिए नोटिस जारी किए जा चुके हैं.
नोएडा प्राधिकरण के वरिष्ठ वित्त और लेखाधिकारी के अनुसार सेक्टर-94 स्थित भूखंड संख्या तीन का आवंटन सुपरटेक रियलटर्स प्राइवेट लिमिटेड को किया गया था. इसके 62 हजार स्क्वायर मीटर के एरिया पर जनवरी 2024 तक का बकाया 20 करोड़ 24 लाख से अधिक है. इसी भूखंड स्थित आठ हजार मीटर के कॉमर्शियल क्षेत्र पर 11 करोड़ लाख से अधिक का बकाया है, जिसकी वसूली के लिए बिल्डर ग्रुप को नोटिस जारी किए जा चुके हैं. बकाया अदा न करने पर प्राधिकरण की ओर से सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए तैयारी की जा रही है.
खरीदारों को रजिस्ट्री का इंतजार सुपरनोवा अपार्टमेंट ओनर एसोसिएसन के सचिव नरेश नंदवानी ने कहा कि बिल्डर ग्रुप के इस प्रोजेक्ट पर प्राधिकरण के 2100 करोड़ रुपये से अधिक का बकाया है. इसके चलते खरीदारों की रजिस्ट्री भी नहीं हो पा रही है. इस मामले को लेकर वह अनेक बार प्राधिकरण के अधिकारियों से मिल चुके हैं. प्राधिकरण के अधिकारियों ने उन्हें को फिर से बुलाया है.
बेचैनी बढ़ी उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट में 582 फ्लैट हैं, जिनमें से 500 से अधिक फ्लैटों पर परिवारों को कब्जा मिल चुका है, जबकि अभी तक रजिस्ट्री 50 फ्लैटों की भी नहीं हो सकी है. इस प्रोजेक्ट में नोवा ईस्ट और नोवा वेस्ट की ओसी प्राधिकरण ने वर्ष 20 में ही दे दी थी. इस प्रोजेक्ट को लेकर भी यूनियन बैंक ने एनसीएलटी में केस कर रखा है. एनसीएलटी से आने वाले आदेश को लेकर भी उनकी बेचैनी बढ़ी हुई है.
एनसीआर की सबसे ऊंची इमारत: यह प्रोजेक्ट सुपरटेक ग्रुप का ही नहीं बल्कि एनसीआर का सबसे ऊंचा प्रोजेक्ट है. सुपरनोवा की ऊंचाई 310 मीटर है. यह इमारत 80 मंजिल प्रस्तावित है और अभी तक 68 फ्लोर बन चुके हैं. इसे एनसीआर की सबसे ऊंची बिल्डिंग कहा जाता है. इस प्रोजेक्ट में देश की कई बड़ी हस्तियों के फ्लैट हैं.
एनसीएलटी में भी सुनवाई चल रही: सुपरटेक प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ यूनियन बैंक की ओर से एनसीएलटी में अपील की गई है. इस मामले में सुनवाई चल रही है. बैंक ने 500 करोड़ से अधिक के बकाये के चलते एनसीएलटी में अपील की है. एनसीएलटी में भी इस प्रोजेक्ट के पहुंचने से प्राधिकरण और प्रोजेक्ट में निवेश करने वाले लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं. एनसीएलटी से आने वाले आदेश पर भी प्राधिकरण अफसर निगाह बनाए हैं.