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डीयू के पाठ्यक्रमों में अन्य संस्थानों के विद्यार्थी भी कर सकेंगे अध्ययन

Admin Delhi 1
4 Aug 2022 5:19 AM GMT
डीयू के पाठ्यक्रमों में अन्य संस्थानों के विद्यार्थी भी कर सकेंगे अध्ययन
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दिल्ली एजुकेशन न्यूज़: दिल्ली विश्वविद्यालय अपने शताब्दी वर्ष में कंपीटेंस इनहेंसमेंट स्कीम (सीईएस) योजना शुरू करने जा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षणिक वर्ष 2022-23 से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (एनईपी) को लागू करने के साथ ही इसके उद्देश्यों को पूरा करने के लिए सीईएस का शुभारंभ भी किया जाएगा। डीयू अकैडमिक काउंसिल बैठक में योजना को मंजूरी मिल चुकी है।

शताब्दी वर्ष में डीयू शुरू करेगा सीईएस नामक योजना: मालूम हो, सीईएस एक ऐसी योजना है जो विभिन्न क्षेत्रों के व्यक्तियों को डीयू में पढ़ाए जा रहे किसी भी विषय में अपने ज्ञान और समझ को बढ़ाने के लिए डीयू में पढऩे का अवसर देती है। यह योजना अन्य विश्वविद्यालयों/संस्थानों के विद्यार्थियों को भी डीयू के कुछ पाठ्यक्रमों में अध्ययन करने का अवसर प्रदान करेगी। यह योजना स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर पर चलाए जा रहे पाठ्यक्रमों के लिए खुली है। योजना का शुभारंभ शताब्दी समारोह के भाग के रूप में अगले वर्ष (2023) की शुरुआत में होगा।

योजना का उद्देश्य जानकारी के साथ दक्षता में वृद्धि करना: डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह के अनुसार इस योजना का उद्देश्य नई जानकारी के साथ दक्षता में वृद्धि करना है। इस योजना के तहत उद्यमी नए कौशल/प्रौद्योगिकी अर्जित करके अपने व्यवसाय में वृद्धि कर सकेंगे। इसके तहत प्रबंधन पाठ्यक्रमों के अध्ययन से प्रबंधन कर्मियों के प्रबंधकीय कौशल में सुधार होगा। जो लोग सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों या तत्कालीन समय के दौरान किसी कमी के कारण पहले अपेक्षित योग्यता प्राप्त नहीं कर सके, वह इस योजना से उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने के सपनों को पूरा कर सकेंगे।

बड़े पैमाने पर समाज के सक्षम बनाना भी योजना का उद्देश्य: योजना का उद्देश्य अन्य विश्वविद्यालयों/संस्थानों में दाखिल विद्यार्थियों को डीयू के किसी पाठ्यक्रम में नामांकन किए बिना ही एक सेमेस्टर में एक से दो पाठ्यक्रमों का अध्ययन करने का अवसर देकर विद्यार्थियों की गतिशीलता में वृद्धि करना भी है। व्यवसाय/कार्यस्थल की लगातार उभरती जरूरतों का सामना करने के लिए बड़े पैमाने पर समाज को सक्षम बनाना भी इस योजना के उद्देश्यों में शामिल है। डीयू कुलपति प्रो. योगेश सिंह के अनुसार ऐसा कोई भी व्यक्ति जो किसी मौजूदा पाठ्यक्रम के लिए निर्दिष्ट न्यूनतम पात्रता मापदंड और अनिवार्य शर्तें, यदि कोई हो, को पूरा करता है, उस पाठ्यक्रम के लिए पंजीकरण कर सकता है। हालांकि प्रवेश सीटों की उपलब्धता के अनुरूप और मेरिट के आधार पर ही होगा। इस योजना के लिए उपलब्ध पाठ्यक्रम में सीटों की संख्या उस पाठ्यक्रम की कक्षा की कुल संख्या का अधिकतम 10प्रतिशत तक होगी। पाठ्यक्रम में इन 10 प्रतिशत सीटों का प्रावधान अलग से होगा।

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