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Dehli: IAS कोचिंग सेंटर के छात्रों ने सुनाई आपबीती

Kavita Yadav
29 July 2024 4:01 AM GMT
Dehli: IAS कोचिंग सेंटर के छात्रों ने सुनाई आपबीती
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दिल्ली Delhi: मैं गाजियाबाद का रहने वाला हूं। शनिवार की रात का वह वैज्ञानिक मंज़र ज़िन्दगी में शायद ही कभी भूल पाऊँ। चंद मिनट में कोचिंग सेंटर के बेसमेंट में ऐसा सालाब आया कि मेरे दोस्तों की सांसें हमारी आंखों के सामने आ गईं और हमें कुछ नहीं मिला। छात्र प्रशांत ने बताया कि मैं अपने साथियों के साथ बेसमेंट की लाइब्रेरी में मौजूद था। बाहर बारिश हो रही थी, लेकिन हम पढ़ाई में व्यस्त थे। अस्थायी अस्थायी आवाज दी गई और उसके पानी के बेसमेंट में शिकायत दर्ज कराई गई। दर्जनों खतरनाक हालात हो गए कि राक्षसों का विचित्र पानी मुंह में भी चला गया। कई बार फ़्लोरे के दौरान आउटडोर। बेसमेंट की लाइट कट गई थी। अँधेरा होने से एक वक्त तो ऐसा लगा कि अब जान नहीं बचेगी। कुछ दिन पहले भी करंट लीच से साथी छात्र की मौत हो गई थी, लेकिन हम किसी तरह बाहर निकल आए।

छात्र जयदीप गौतम Jaideep Gautam, Student ने घटना के मंजर को याद करते हुए कहा कि हम लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे थे। अचानक दुकान पर पानी की शिकायत की बात हो गई। जल्द ही अपनी कंपनी को समेटा और बाहर यात्रा की तैयारी करना। आगे की तरफ करीब 16-17 छात्र बाहर की ओर बैठे थे, जो आगे निकल गए, लेकिन कई छात्र पीछे छूट गए। 20 सेकंड में पानी कमर तक और एक मिनट में कंधे तक आ गया। इसी क्रम में शीशा चाकू और मुझे और अन्य लोगों के हाथ में चोट लगी। संस्थापक की वजह से कुछ समय तक करने की स्थिति में बात नहीं थी। फिर से पूरे घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी गई। प्रातः त्रि सहपाठियों की मृत्यु की जानकारी मिली। जब मानसकी स्थिति सामान्य हुई तो प्रदर्शन कर रहे साथियों का साथ देने के लिए आ गया। छत्र हृदेश चौहान ने कहा, 'अपने साथियों के साथ बेसमेंट में मौजूद लाइब्रेरी में पढ़ाई कर रहे थे। मैं इस जीवाश्म और वंशावली में जीवित बचे लोगों में शामिल हूं। शाम को 6 बजे 40 मिनट का समय हो रहा था। अचानक बेसमेंट में पानी भर गया। हमने तुरंत मदद के लिए पुलिस और अन्य एजेंसी को फोन किया लेकिन रात 9 बजे तक मदद के लिए समय दिया गया। तब तक तीन साथियों की मौत हो गई थी। अगर 'आधे घंटे में 'इस्टिल टीम' आ जाती तो लोगों की जान बचाई जा सकती थी।'

एक वाहन की कीमत से सुपरमार्केट डोर 39 का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। इसमें देखा जा सकता है कि सड़क पर कमर तक पानी भरा हुआ है। ठेला वाला भी वहीं फंसा है। उसी प्रकार सड़क से एक जीप एलओसी है, जिससे पहिए पूरी तरह से डूबे हुए हैं। जीप की समीक्षा में पानी के दबाव से प्रभावित होने वाली इमारत के दरवाजे के बारे में कुछ और बताया गया है। तेज दबाव के कारण दरवाजा टूट गया और पानी तेजी से भर गया।

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