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दिल्ली-एनसीआर
छात्रों ने डीयू को खोलने के लिए वीसी कार्यालय का घेराव किया, ऑनलाइन कक्षाओं का किया बहिष्कार
Renuka Sahu
8 Feb 2022 4:01 AM GMT
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फाइल फोटो
डीयू को फिर से खोलने के लिए सोमवार को सैकड़ों छात्रों ने वीसी कार्यालय का घेराव किया।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। डीयू को फिर से खोलने के लिए सोमवार को सैकड़ों छात्रों ने वीसी कार्यालय का घेराव किया। एसएफआई के नेतृत्व में हुए घेराव के दौरान डीयू कॉलेजों के 53 विभागों के छात्रों ने ऑनलाइन कक्षाओं का पूर्ण बहिष्कार किया।
एसएफआई ने नौ फरवरी से डीयू कैंपस को फिर से खुलने के लिए 'सड़क पे कक्षा' की घोषणा की है। एसएफआई के आह्वान पर सोमवार को सुबह 11 बजे से वीसी कार्यालय का घेराव करने करीब 400 से अधिक छात्र पहुंचे। डीडीएमए के नए दिशानिर्देशों के बाद डीयू विश्वविद्यालय को खोलने की मांग छात्रों की तरफ से की गई थी। छात्रों ने वीसी ऑफिस कंपाउंड के गेट पर 'आउट ऑफ सर्विस' प्लेकार्ड लटका दिया। अन्य छात्र और शिक्षक संगठनों ने भी विरोध का समर्थन किया।
एसएफआई हिंदू कॉलेज के सचिव अंकित बीरपाली ने कहा कि छात्रों की नाराजगी साफ नजर आ रही है। वीसी को अगले दो दिनों में स्थिति को साफ करना होगा, अन्यथा हमें अपनी कक्षाओं के ताले खुद तोड़ने होंगे। विरोध प्रदर्शन में विश्वविद्यालय के 53 से अधिक विभागों ने ऑनलाइन कक्षाओं का पूर्ण बहिष्कार किया। हिंदू, एमएच, एलएसआर, जाकिर हुसैन और श्री अरबिंदो कॉलेज में विशेष रूप से हड़ताल रही।
मिरांडा हाउस की छात्रा आरुषि शर्मा ने कहा कि बहुत से लोग एसएफआई द्वारा बुलाए गए विरोध प्रदर्शन में शामिल नहीं हो सके। लेकिन हमने फैसला किया कि हमें यह संदेश देना है कि आम तौर पर छात्र कैंपस को फिर से खोलने की मांग का समर्थन करते हैं। इसलिए हमने ऑनलाइन कक्षाओं का बहिष्कार किया। एसएफआई ने 9 फरवरी से विश्वविद्यालय के दोबारा खुलने तक 'सड़क पे कक्षा' यानी 'क्लासरूम ऑन द स्ट्रीट' शुरू करने की घोषणा की है।
कैंपस खोलने लिए एबीवीपी ने सौंपा ज्ञापन
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद दिल्ली कॉलेज इकाई ने दिल्ली विश्वविद्यालय को फिर से खोलने के संबंध में कॉलजों के प्राचार्य को सोमवार को ज्ञापन सौंपा। एबीवीपी ने विश्वविद्यालय को न खोलने और कक्षाएं ऑनलाइन चलाने के निर्णय को छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताया है। जिसके खिलाफ एबीवीपी ने दिल्ली के प्रत्येक कॉलेज के प्राचार्यों को ज्ञापन सौंपकर छात्रों की विभिन्न समस्याओं को उनके सम्मुख रखा और कॉलेजों को तत्काल प्रभाव से खोलने की मांग की। इस दौरान 55 कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को ज्ञापन सौंपा गया।
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