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15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर सख्ती से दिल्ली में बढ़ा वाहनों का स्क्रैप कारोबार
दिल्ली न्यूज़: 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर सख्ती से दिल्ली में सालाना 7 करोड़ से अधिक का स्क्रैप कारोबार हो रहा है। मियाद खत्म कर चुके वाहनों को स्क्रैप करने के लिए सरकार की ओर से रोड टैक्स और पंजीकरण शुल्क में भी रियायतें दी जा रही हैं। प्रदूषण पर शिकंजा कसने के लिए इस साल अब तक परिवहन विभाग की कार्रवाई के तहत करीब 10 हजार वाहनों को स्क्रैप कर दिया गया है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल(एनजीटी)के आदेश के तहत वाहनों पर परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस के साथ-साथ एमसीडी की टीमें भी लगातार कार्रवाई कर रही हैं।
दिल्ली में फिलहाल आठ अधिकृत स्क्रैप एजेंसियां हैं। हर महीने औसतन 900 वाहनों को स्क्रैप किया जा रहा है। इनमें 80 फीसदी से अधिक दोपहिया वाहन हैं जबकि शेष करीब 20 फीसदी चार पहिया वाहन हैं। अधिकृत एजेंसियां इन वाहनों को स्क्रैप करने के दौरान पर्यावरणीय क्षति का खास तौर पर ध्यान रखा जाता है। पाइनव्यू के निदेशक यश अरोड़ा कहना है कि इस साल मियाद खत्म करने वाले वाहनों की संख्या में थोड़ी बढ़ोतरी हुई हैं। दिल्ली में हर साल जितने भी वाहन स्क्रैप होते हैं उनमें से महज 10-15 फीसदी वाहनों को अधिकृत एजेंसियों में स्क्रैप किया जाता है। कई कार या टू व्हीलर डीलर, एक्सचेंज ऑफर के तहत पुराने वाहनों को अधिक कीमत पर खरीद लेते हैं, लेकिन वाहनों को स्क्रैप करने के दौरान पर्यावरणीय मानकों का पूरा ख्याल नहीं रखा जाता है। डॉसनेक्सटजेन के एमडी आरके तिवारी ने बताया कि रोजाना तीन-चार वाहनों को स्क्रैप करते हैं। फिर इन वाहनों को कबाड़ के भाव में निजी एजेंसियों को बेच दिया जाता है।
स्कैप में 80 फीसदी दोपहिया वाहन: दिल्ली में मियाद पूरी करने वाले वाहनों में 80 फीसदी से भी अधिक दोपहिया वाहन हैं। अगर 8500 दोपहिया वाहन हैं और शेष 1500 कारें हैं। औसतन एक पुराने दोपहिया वाहनों के स्क्रैप के बदले औसतन 2500 रुपये जबकि कारों के लिए 30 हजार रुपये का मालिकों को भुगतान किया जाता है। 7 करोड़ रुपये के वाहनों में दोपहिया वाहनों की स्क्रैप में करीब 2.5 करोड़ रुपये की हिस्सेदारी है।
स्क्रैप इंसेटिव मिलने से और बढ़ेगा कारोबार: फिलहाल दिल्ली में वाहनों के स्क्रैप करने के बाद स्क्रैप इंसेटिव का फायदा वाहन मालिकों को नहीं मिल रहा है। नई नीति के लागू होने से मियाद पूरी करने वाले वाहनों को स्क्रैप करने पर इंसेटिव का भी फायदा ग्राहकों को मिलेगा। इसे नए वाहनों की खरीदारी के लिए इस्तेमाल कर सकेंगे। इस स्कीम के लागू होने से दिल्ली में स्क्रैप कारोबार में और बढ़ोतरी होने की संभावना जताई जा रही है। अगर निजी स्क्रैप कारोबारियों के बजाय अधिकृत से वाहनों को स्क्रैप करवाया जाता है तो इससे पर्यावरण को नुकसान से बचाने के साथ ही ग्राहकों को भी कई फायदे होंगे।
एक साल में तीन गुना से अधिक बढ़ गया वाहनों का कबाड़: इस साल परिवहन विभाग ने नवंबर के अंत तक करीब 9899 वाहनों को स्क्रैप करने के लिए जब्त किया। 2021 में यह आंकड़ा 2931 था। एजेंसियों का कहना है कि स्क्रैप वाहनों पर परिवहन विभाग, ट्रैफिक पुलिस के साथ साथ गलियों और सड़कों पर रखे लावारिस वाहनों को जब्त कर स्क्रैप करने के लिए भेजने में तेजी आई है। अगर वाहनों को अधिकृत एजेंसियों से स्क्रैप करवाया जाए तो वाहन मालिकों को स्क्रैप सर्टिफिकेट के साथ साथ वाहनों को डी रजिस्ट्रेशन के लिए प्रमाण पत्र हासिल करना आसान होगा।