दिल्ली-एनसीआर

कोरोना महामारी में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के हित में सुप्रीम कोर्ट का सख्‍त निर्देश, राज्य सरकारों को मुआवजा देने को कहा

Apurva Srivastav
19 Jan 2022 4:17 PM GMT
कोरोना महामारी में अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों के हित में सुप्रीम कोर्ट का सख्‍त निर्देश, राज्य सरकारों को मुआवजा देने को कहा
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सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कोरोना महामारी से अपने माता-पिता दोनों को खोने वाले 10 हजार से अधिक बच्चों को मदद मुहैया कराने को लेकर सभी राज्य सरकारों को सख्‍त निर्देश दिए।

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कोरोना महामारी से अपने माता-पिता दोनों को खोने वाले 10 हजार से अधिक बच्चों को मदद मुहैया कराने को लेकर सभी राज्य सरकारों को सख्‍त निर्देश दिए। सर्वोच्‍च अदालत ने सभी राज्य सरकारों को इन अनाथ बच्चों तक तुरंत पहुंचने और उन्हें मुआवजा देने के निर्देश जारी किए। शीर्ष अदालत कोरोना के कारण अपनी जान गंवाने वालों के परिजनों को 50 हजार रुपये की अनुग्रह राशि नहीं देने से नाराज थी। शीर्ष अदालत ने राज्य सरकारों की खिंचाई की और आंध्र प्रदेश और बिहार के मुख्य सचिवों को तलब किया।

सर्वोच्‍च अदालत ने आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव समीर शर्मा को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया। शीर्ष अदालत ने आंध्र प्रदेश के मुख्य सचिव समीर शर्मा से पूछा कि अदालत के पहले के आदेश का पालन नहीं करने के लिए उनके खिलाफ अवमानना ​​कार्रवाई क्यों नहीं शुरू की जाए। न्यायमूर्ति एमआर शाह और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने याचिकाकर्ता गौरव बंसल और अधिवक्ता सुमीर सोढ़ी की दलीलों को सुना। याचिकाकर्ताओं की ओर से मांग की गई है कि महामारी की शुरुआत के बाद से कोरोना ​​और अन्य कारणों से 10,000 से अधिक बच्चे अनाथ हो गए हैं जिनको मुआवजा दिया जाना चाहिए।
सर्वोच्‍च न्‍यायालय की पीठ ने कहा कि बाल स्वराज पोर्टल Baal Swaraj portal (एनसीपीसीआर) पर अपलोड की गई जानकारी के अनुसार पूरे देश में लगभग 10,000 बच्चों ने अपने माता-पिता या अभिभावकों को खो दिया है। उनके लिए अपना आवेदन करना या मुआवजे के लिए दावा प्रस्तुत करना बहुत मुश्किल होगा। हम संबंधित राज्यों को निर्देश देते हैं कि वे उन बच्चों तक खुद पहुंचें जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है ताकि उन्हें मुआवजे की राशि का भुगतान किया जा सके। ऐसे अनाथ बच्‍चों का विवरण बाल स्वराज पोर्टल पर पहले ही अपलोड कर दिया गया है।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि हम संबंधित राज्यों को दर्ज की गई मौतों की संख्या के साथ-साथ बाल स्वराज पोर्टल में अपलोड किए गए विवरण के संबंध में संबंधित राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण को पूरी जानकारी साझा करने का भी निर्देश देते हैं। पीठ ने कहा कि वह गुरुवार तक विस्तृत आदेश पारित करेगी। पीठ ने केंद्र सरकार की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी की ओर से प्रस्तुत चार्ट से नोट किया कि अधिकांश राज्यों ने कई दावों को खारिज कर दिया है।


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