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स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट में नियमों में कुछ बदलाव के सुझाव दिए गए
दिल्ली न्यूज़: स्वचालित ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर डीएल टेस्ट में फेल होने वालों की संख्या में कमी लाने के लिए बदलाव को अभी लागू नहीं किया गया है। परिवहन विभाग के आयुक्त आशीष कुंद्रा ने कल (मंगलवार) को बताया कि कमेटी की सिफारिशों पर अभी चर्चा जारी है और इसके पूरा होने के बाद ही इसे लागू करने पर विचार होगा। इससे पहले परिवहन विभाग ने ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर डीएल टेस्ट देते हुए बड़ी संख्या में आवेदकों के फेल होने की समस्या को दूर करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी गठित की थी, जिसके बाद कमेटी ने ड्राइविंग टेस्ट में नियमों में कुछ बदलाव के सुझाव दिए हैं। परिवहन विभाग के एक कनिष्ठ अधिकारी ने इसी सुझाव के आधार पर टेस्ट देने में आसानी के लिए 8 अक्तूबर से इसे लागू करने के आदेश जारी कर दिए थे, लेकिन फिलहाल इस आदेश पर रोक लगा दी गई है।
कमेटी की किन-किन सिफारिशों को लागू किया जाए, इसे लेकर अभी विभागीय स्तर पर मंथन जारी है। बता दें कि कमेटी ने अपनी सिफारिश में कहा है कि डीएल टेस्ट के दौरान गाड़ी बैक करते वक्त पीली रेखा छूने पर फेल नहीं माना जाएगा, जबकि अभी ड्राइविंग टेस्ट में फेल होने की यह सबसे बड़ी वजह बन रहा है। इसी तरह कमेटी ने गाड़ी को बैक करने और रोकने के नियमों में भी बदलाव करने की सिफारिश की है,जिससे बड़ी संख्या में ड्राइविंग लाइसेंस बनाने वाले नए लोगों को फायदा होगा। अभी गाड़ी को बैक करने के लिए 180 सेकंड का समय दिया जाता है, जिसे कमेटी ने बढ़ाकर 200 सेकंड करने का सुझाव दिया है। कमेटी ने सिफारिश की है कि गाड़ी बैक करते समय वाहन के रेड लाइट को छूने पर ही फेल माना जाए। वर्तमान समय में पहली बार ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए टेस्ट देने वाले बड़ी संख्या में फेल हो जाते हैं। क्योंकि ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक पर लगे सेंसर पीली रेखा पर भी वाहन के पहुंचने पर उसे रीड कर लेते हैं, जिसके बाद वह चालक को टेस्ट में स्वयं फेल कर देता है। कमेटी का मानना है कि 50 से 60 फीसदी लोग टेस्ट के दौरान इसी वजह से फेल हो जाते हैं। अगर कमेटी के सुझाव पर बदलाव होता है तो पीली रेखा पर पहुंचने पर व्यक्ति फेल नहीं होगा।