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पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी, दिल्ली पुलिस के खिलाफ महिलाओं का प्रदर्शन

नई दिल्ली : रोहिणी जिला अंतर्गत बेगमपुर थाने (Women Protest at Begumpur Police Station) पर गुरुवार को महिलाओं का आक्रोश देखने को मिला. महिलाओं ने थाने के बाहर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की कार्यशैली पर बेहद गंभीर आरोप लगाए. प्रदर्शनकारी महिला के मुताबिक पुलिस ने एक छोटे से विवाद में युवक की जमकर बेरहमी से पिटाई कर दी और पुलिसकर्मी के खिलाफ शिकायत करने पर उनकी शिकायत पर भी दर्ज नहीं की गई.लगातार सुर्खियां बटोरने वाली राजधानी की दिल्ली पुलिस (Delhi Police) एक बार फिर से सवालो के कटघरे में खड़ी दिखाई दे रही है. एक बार फिर से दिल्ली पुलिस पर बेहद गंभीर आरोप लगे हैं. दरअसल पूरा मामला बेगमपुर थाने का है, जहां पर कुछ महिलाओं ने पुलिस थाने का घेराव कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. इस प्रदर्शन के दौरान महिलाओं ने पुलिस प्रशासन की कार्यशैली को लेकर अपना रोष प्रकट किया.
प्रदर्शनकारी महिलाओं के मुताबिक पूरा प्रकरण बीते 9 अगस्त का है, जब रविंदर नाम का युवक रात में अपने घर जा रहा था. उसी दौरान एक बाइक वाले से छोटे से विवाद पर 100 नंबर पर फोन किया. इसके जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची और दोनों पक्षों की बात को सुनते हुए आगे की कार्यवाही के लिए पुलिस थाने पर लेकर पहुंची.
पीड़ित महिला ने आरोप लगाते हुए कहा कि उस वक़्त थाने में तैनात पुलिसकर्मी जयवीर नशे में था. साथ ही ये भी आरोप लगाया कि जब थाने में दोनों पक्ष समझौता कर रहे थे तभी ही पुलिसकर्मी ने जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल कर रविंद्र के साथ जानवरों से भी बदतर व्यवहार किया. महिला के मुताबिक जांच के नाम पर न केवल रविन्द्र को परेशान किया, बल्कि उसकी बेरहमी से पिटाई भी की. आज भी रविन्द्र की पीड़ा असहनीय है और वह मजबूरन घर पर है. प्रदर्शन कर रही महिलाओं की माने तो जब उन्होंने पुलिसकर्मी के खिलाफ शिकायत करने का प्रयास किया गया तो उनको धमकी भी दी गई और आज तक इस मामले में कोई भी शिकायत दर्ज नहीं की गई. इस कारण उन्हें लोगों के साथ मिलकर मजबूरन पुलिस के खिलाफ प्रदर्शन करना पड़ रहा है.
फिलहाल प्रदर्शनकारी महिलाओं के गुस्से को देखते हुए खुद बेगमपुर थाना एसएचओ बाहर आए और प्रदर्शनकारी महिलाओं को समझाने का प्रयास किया. हालांकि महिलाओं के गुस्से को देखते हुए पुलिस की तरफ से इस मामले में विधिक कार्यवाही के लिए तीन दिन का समय मांगा. पुलिस के आश्वासन के बाद महिलाओं का गुस्सा शांत हुआ और उन्होंने अपना प्रदर्शन बंद किया. लेकिन उन्होंने साफतौर पर चेतावनी भी दी कि अगर तीन दिन में कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई तो वह फिर से प्रदर्शन करने को मजबूर हो जाएंगी. ऐसे में अब देखना यह होगा कि परिवारवालों को इंसाफ कब तक मिलता है या ऐसे ही पुलिसवालों की गुंडागर्दी चलती रहती है.