दिल्ली-एनसीआर

छह स्टेशन बनेंगे, कॉरिडोर में पांच किमी ट्रैक होगा अंडर ग्राउंड

Admin4
17 Aug 2022 11:15 AM GMT
छह स्टेशन बनेंगे, कॉरिडोर में पांच किमी ट्रैक होगा अंडर ग्राउंड
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला

ग्रेटर नोएडा से जेवर एयरपोर्ट तक करीब 35 किमी लंबा कॉरिडोर बनेगा। इसमें 6 स्टेशन होंगे। पहली बार जिले में अंडर ग्राउंड मेट्रो लाइन होगी। कॉरिडोर में पांच किमी ट्रैक अंडर ग्राउंड होगा। मेट्रो डीपीआर में 5329 करोड़ का बजट बनाया गया है।

नोएडा एयरपोर्ट को ग्रेटर नोएडा से जोड़ने के लिए करीब 36 किमी लंबे ट्रैक पर करीब पांच किमी मेट्रो की लाइन अंडरग्राउंड होगी। इसे तैयार करने में करीब 5329 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे और 6 स्टेशन बनेंगे। नॉलेज पार्क से जेवर एयरपोर्ट तक जोड़ने के लिए डीएमआरसी ने डीपीआर तैयार कर ली है और इसे आगामी बोर्ड बैठक में रखा जाएगा। हालांकि पूरी उम्मीद है कि इसे बोर्ड से स्वीकृति की मुहर लग जाएगी।

सेक्टर 29 से एयरपोर्ट तक अंडर ग्राउंड मेट्रो लाइन को बनाने में18 महीने का समय लगेगा। यमुना प्राधिकरण की 24 अगस्त को बोर्ड बैठक है। इसमें मास्टर प्लान-2041, डाटा सेंटर पार्क, लॉजिस्टिक हब, टप्पल लाजिस्टक पार्क, पॉड टैक्सी, राया हेरीटेज आदि प्रस्ताव रखे जाएंगे। साथ ही ब्लड रिलेशन में ट्रांसफर होने वाली प्रॉपर्टी के लिए भी नियम बनाया जाएगा।

इसके अलावा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट को ग्रेनो मेट्रो जोड़ने के लिए डीपीआर तैयार हो गई है। नॉलेज पार्क-दो से जेवर तक 6 स्टेशन बनाए जाएंगे। जिनमें नॉलेज पार्क 2, सेक्टर 18, सेक्टर 20, सेक्टर 21, सेक्टर 29 और अंतिम स्टेशन एयरपोर्ट बनाया जाएगा। इस ट्रैक की 35.44 किलोमीटर लंबाई होगी और इसमें 4.18 किलोमीटर अंडर ग्राउंड कारिडोर बनाया जाएगा। जबकि 31.26 किलोमीटर एलिवेटेड लाइन रहेगी।

आठ बोगी वाली मेट्रो करीब सवा सौ किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेगी। गौरतलब है कि बोर्ड में मुहर लगने के बाद पॉड टैक्सी और मेट्रो डीपीआर को शासन को भेजा जाएगा। वहीं से अंतिम मुहर लगेगी। हालांकि सूत्र बताते हैं कि शासन से भी आसानी से इसे मंजूरी मिल जाएगी। टप्पल में लॉजिस्टिक पार्क विकसित किया जाना है।

टप्पल नगर पंचायत में यमुना प्राधिकरण का अधिसूचित क्षेत्र चला गया। इसके चलते लॉजिस्टिक पार्क की योजना में भी बदलाव किया गया है। वहां पर 160 हेक्टेयर जमीन पर टप्पल नगार पंचायत का एकाधिकार था। जबकि यह जमीन यमुना प्राधिकरण को लेनी थी।

इस विवाद को भी लखनऊ में हुई बैठक में रखा गया तो वहां पर लाजिस्टिक हब बनाने के लिए इस जमीन को टप्पल नगर पंचायत से यमुना प्राधिकरण को दिया जाएगा। इससे वहां पर इस परियोजनों को भी अब पंख लग सकेंगे।

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