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दिल्ली-एनसीआर
दिल्ली-एनसीआर में छह नए मेट्रो रूट बनेंगे, जानिए पूरा प्लान
Renuka Sahu
10 Jan 2022 1:39 AM GMT
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फाइल फोटो
राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में परिवहन की सुविधा बढ़ाने के लिए एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के ड्राफ्ट प्लान में छह नए मेट्रो कॉरिडोर को शामिल किया गया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में परिवहन की सुविधा बढ़ाने के लिए एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के ड्राफ्ट प्लान में छह नए मेट्रो कॉरिडोर को शामिल किया गया है। इन्हें वर्ष 2030 तक पूरा करने की योजना है। इससे एनसीआर के शहरों के बीच सार्वजनिक परिवहन बेहतर होगा और एक शहर से दूसरे शहर तक जाने के लिए मेट्रो की सुविधा मिलेगी। नए कॉरिडोर में फरीदाबाद, गुरुग्राम को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ने की भी योजना है।
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड के ड्राफ्ट प्लान 2041 में परिवहन के साधनों पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसमें सड़क और रेलवे नेटवर्क के साथ-साथ मेट्रो के नए कॉरिडोर पर भी काम होगा। ड्राफ्ट प्लान में बताया गया है कि एनसीआर में प्रदूषण का बड़ा कारण वाहनों से होने वाला प्रदूषण है। कुल प्रदूषण में इसकी हिस्सेदारी 40 से 50 फीसदी है। सार्वजनिक परिवहन के साधनों को बेहतर कर ही प्रदूषण को कम किया जा सकता है और इसके लिए मेट्रो के विस्तार पर ध्यान देना होगा।
दिल्ली और उसके बाहर गाजियाबाद, गुरुग्राम, फरीदाबाद और नोएडा मेट्रो नेटवर्क से जुड़ गए हैं। अगले चरण में इसे दूसरे शहरों से जोड़ने की योजना है। एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने छह नए कॉरिडोर की पहचान की है। इसमे गाजियाबाद को मेरठ, सोनीपत को पानीपत से जोड़ा जाएगा। फरीदाबाद से पलवल और जेवर तक मेट्रो लाइन बिछाई जाएगी। फरीदाबाद और गुरुग्राम के बीच भी मेट्रो कारिडोर प्रस्तावित किया है। इससे हरियाणा के शहरों की जेवर एयरपोर्ट तक सीधी पहुंच हो जाएगी। इसके अलावा बहादुरगढ़-रोहतक और गुरुग्राम से मानेसर-रिवाड़ी तक भी मेट्रो की योजना है।
प्रस्तावित मेट्रो कॉरिडोर
सोनीपत-पानीपत
गाजियाबाद-मेरठ
फरीदाबाद-पलवल-जेवर
फरीदाबाद-गुरुग्राम
बहादुरगढ-रोहतक
गुरुग्राम-मानेसर-रिवाड़ी
2025 तक मेट्रो की गति दोगुनी करने की तैयारी
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने शहरों में परिवहन की गति तेज करने के लिए मेट्रो की रफ्तार बढ़ाना प्रस्तावित किया है। अभी मेट्रो की औसत रफ्तार 32 किलोमीटर प्रतिघंटा है। इसे 2025 तक 70 किलोमीटर प्रतिघंटा करने की तैयारी है। मेट्रो की रफ्तार बढ़ने से सार्वजनिक परिवहन में लोगों का समय कम लगेगा। दिल्ली मेरठ के बीच प्रस्तावित रैपिड रेल की औसत गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा रहेगी। इसके बाद मेट्रो की गति बढ़ने से सफर में लगने वाला समय कम हो जाएगा।
छोटे शहरों में तलाशी जाए मेट्रो लाइट और नियो की संभावना
एनसीआर प्लानिंग बोर्ड ने अपने ड्राफ्ट प्लान में टीयर टू शहरों पर विशेष फोकस किया है। बोर्ड के अनुसार इन शहरों में परिवहन के साधनों को नए तरीके से विकसित करना होगा। इसके लिए इन शहरों में मेट्रो लाइट और मेट्रो नियो की संभावना को तलाशना होगा। इन प्रोजेक्ट पर मेट्रो के मुकाबले कम लागत में काम किया जा सकता है। मेट्रो लाइट और नियो के लिए जमीन की जरूरत भी कम होगी।
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