दिल्ली-एनसीआर

दिल्ली में एकल उपयोग प्लास्टिक नियम उल्लंघन पर आज से लगेगा एक लाख का जुर्माना, हो सकती है पांच साल की जेल

Renuka Sahu
11 July 2022 1:46 AM GMT
Single use plastic rule violation in Delhi will attract a fine of one lakh from today, may be jailed for five years
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फाइल फोटो 

राजधानी में सोमवार से प्रतिबंधित एकल उपयोग प्लास्टिक के नियम उल्लंघन को लेकर कार्रवाई शुरू होगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। राजधानी में सोमवार से प्रतिबंधित एकल उपयोग प्लास्टिक (एसयूपी) के नियम उल्लंघन को लेकर कार्रवाई शुरू होगी। इसके तहत उल्लंघन करने वाली इकाई को बंद किया जाएगा। वहीं, एक लाख रुपये या पांच साल तक की सजा का प्रावधान है। दिल्ली सरकार की 48 टीमें अलग-अलग इलाकों में औचक निरीक्षण करेंगी। प्लास्टिक को लेकर सरकार ने नियंत्रण कक्ष का भी गठन किया है। यहां प्लास्टिक नियम उल्लंघन से जुड़ी शिकायतों को दर्ज किया जाएगा।

एक अधिकारी के मुताबिक, नियंत्रण कक्ष एसयूपी प्रतिबंध के उल्लंघन से संबंधित सभी शिकायतें प्राप्त करेगा और प्रवर्तन टीमों को कार्रवाई करने का निर्देश देगा। हालांकि, डीपीसीसी का काम एसयूपी वस्तुओं के निर्माण पर रोक लगाना है, लेकिन बाजारों और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर प्रतिबंध के उल्लंघन से संबंधित शिकायतें भी नियंत्रण कक्ष को भेजी जा सकती हैं। इसे नगर निगम को हस्तांतरित कर दिया जाएगा। वहीं, उल्लंघन को लेकर शिकायतें दिल्ली सरकार के ग्रीन दिल्ली एप या केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एसयूपी-सीपीसीबी एप के माध्यम से भी दर्ज की जा सकती हैं। अधिकारी ने कहा कि कानून के प्रावधानों के तहत सोमवार से प्रतिबंध का उल्लंघन करने वाली इकाइयों को बंद करना शुरू कर दिया जाएगा। अब किसी प्रकार की कोई और चेतावनी नहीं दी जाएगी।
एमसीडी अपने उप नियमों के अनुसार चूक करने वाली इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करेगी, जबकि राजस्व विभाग पर्यावरण संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई करेगा। प्रवर्तन अभियान के दौरान जब्त किए गए एसयूपी आइटम को अपशिष्ट से ऊर्जा संयंत्रों (वेस्ट टू एनर्जी प्लांट) में जला दिया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे लैंडफिल या जल निकायों में बाधा उत्पन्न न करे। जागरूकता फैलाने के लिए दिल्ली सरकार राजधानी में इको-क्लब के सदस्यों को प्रशिक्षण देगी। प्रशिक्षण कार्यक्रम 19 जुलाई को संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम के सहयोग से आयोजित किया जाएगा।
दिल्ली में करीब दो हजार इको-क्लब हैं। प्रतिबंधित वस्तुओं में ईयरबड, गुब्बारे के लिए प्लास्टिक की छड़ें, झंडे, कैंडी की छड़ें, आइसक्रीम की छड़ें, पॉलीस्टाइनिन (थर्मोकोल), प्लेट, कप, गिलास, कांटे, चम्मच, चाकू, पुआल, ट्रे, रैपिंग या पैकेजिंग फिल्म, निमंत्रण कार्ड, सिगरेट के पैकेट, प्लास्टिक या पीवीसी बैनर (100 माइक्रोन से कम) और स्टिरर शामिल है।
75 माइक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक कैरी बैग भी प्रतिबंधित
प्लास्टिक कचरा प्रबंधन नियमों के तहत 75 माइक्रोन से कम मोटाई के प्लास्टिक कैरी बैग भी प्रतिबंधित हैं। इनकी मोटाई 31 दिसंबर से बढ़ाकर 120 माइक्रोन करनी होगी। वहीं, 50 माइक्रोन से कम मोटाई की प्लास्टिक रैपिंग सामग्री और तंबाकू, पान मसाला और गुटखा बेचने और भंडारण के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक के पाउच की भी अनुमति नहीं है। दिल्ली में प्रतिदिन 1,060 टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है। राजधानी में कुल ठोस कचरे का एसयूपी 5.6 फीसदी (56 किलो प्रति मीट्रिक टन) होने का अनुमान है।
एक जुलाई से लगा था प्रतिबंध
केंद्र ने एक जुलाई से देशभर में चिन्हित 19 एकल उपयोग प्लास्टिक उत्पादों की बिक्री, प्रयोग व उत्पादन पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसको देखते हुए दिल्ली सरकार ने घोषणा की थी कि केवल 10 जुलाई तक नियमों का उल्लंघन होने पर नोटिस जारी किया जाएगा। बता दें कि प्लास्टिक के प्रतिबंध को लेकर दिल्ली सरकार की ओर से एक जुलाई से लेकर तीन जुलाई तक त्यागराज स्टेडियम में प्लास्टिक विकल्प मेले का आयोजन किया गया था, जिसके तहत सरकार ने एकल उपयोग प्लास्टिक के बदले प्राकृतिक उत्पादों को अपनाने की अपील की थी। मेले में विभिन्न स्टेकहोल्डर से लेकर अन्य उद्यमियों को जोड़ा गया था
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