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चाइनीज मांझा को कोड वर्ड के साथ तीन से चार गुणा कीमत पर बेच रहे हैं दुकानदार

Admin Delhi 1
9 Aug 2022 5:27 AM GMT
चाइनीज मांझा को कोड वर्ड के साथ तीन से चार गुणा कीमत पर बेच रहे हैं दुकानदार
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दिल्ली न्यूज़: जिस प्रकार पुरानी फिल्मों में तस्कर एक दूसरे को कोर्ड वर्ड बताकर सामने तस्करी से लाए सामानों का आदान प्रदान करते थे। वैसे आज दिल्ली के बाजारों में प्रतिबंधित चाइनीज मांझे की खरीद बिक्री हो रही है। एक ओर जहां लोग स्वतंत्रता दिवस के जश्न की तैयारियों में जुटे हैं। वहीं पतंग उड़ाने के प्रेमी आसमान में रंग-बिरंगी पतंगे उड़ाने में लग गए हैं। इसमें जहां कुछ लोग खुले बाजार में मिलने वाले सुरक्षित मांझे का उपयोग कर रहे हैं। वहीं कुछ चाइनीज मांझा भी इस्तेमाल कर रहे हैं। जबकि इस पर प्रतिबंध है। ये लोग यह मांझा दिल्ली में पतंगों के लिए मशहूर लाल कुआं बाजार से खरीद रहे हैं। जहां यह मांझा चोरी छिपे धड़ल्ले से बिक रहा है।

जानकारी के अनुसार यह मांझा उन्हीं को बेचा जा रहा है, जो पुराने खरीदार या उनके द्वारा भेजे गए हों। इसके लिए उन्हें कोड वर्ड दिया जा रहा है। दुकानदार के पास जाकर वह कोड वर्ड बोलते ही दुकानदार को पता चल जाता है कि वह उसके किसी आदमी ने ही भेजा है। वैसे इसके लिए दुकानदार खरीदारों से मनमाने पैसे भी वसूल रहे हैं। दुकानदार चार सौ रुपये से सात सौ रुपये में इसे बेच रहे हैं। आलम यह है कि दुकानदार खरीदारों को पहले से ऑर्डर देने के लिए कह रहे हैं। पतंगबाजी के दौरान इस मांझे की चपेट में आकर बीते वर्षों कई लोगों के जीवन की डोर टूट चुकी है। बावजूद इसके लापरवाही बरती जा रही है। सबसे अधिक खतरा दो पहिया वाहनों को होता है। लाल कुआं बाजार में कई दुकानों में चाइनीज मांझा बिकता नजर आया। तीज के त्यौहार से ही पतंगबाजी का उत्साह पतंगबाजी के शौकीनों में बढ़ जाता है।

क्यों होता है चाइनीज मांझा जानलेवा: जहां पहले पारंपरिक मांझा धागे से बनाया जाता था और उसपर रंगों का लेप लगाया जाता था। इस मांझे के उपयोग के दौरान जोड़ पड़ने पर मांझा टूट जाते थे। पर चाइनीज मांझे को बनाने में मैटेलिक पावडर व नायलॉन का प्रयोग किया जाता है। कई में तो बनाते समय नायलॉन के धागे में कांच व लोहे के चूरे का भी प्रयोग किया जाता है। इससे मांझे का पैनापन बढ़ सके। देखने मे यह एक धागे जैसा ही दिखता है लेकिन यह काफी मजबूत होता है। यह इतना मजबूत होता है कि सामान्य खाली हाथ से खींचकर इसे तोड़ा नहीं जा सकता है। पतला होने के कारण यह धारदार हथियार के समान होता है। यही कारण है कि मांझे की चपेट में किसी भी शख्स के शरीर का जो भी हिस्सा आता है उसे वह अपने पैनापन से काटता जाता है। खासकर गले की नाजुक त्वचा बड़ी आसानी से कट जाती है। ज्यादा जोड़ परने पर वह नसों तक पहुंच जाती है।

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