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यूपी के ब्लॉकों में विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए ली जाएंगी विजनरी यूथ की सेवाएं, रखे जाएंगे टाउन प्लानर, जानें CM योगी का प्लान
Renuka Sahu
6 July 2022 1:33 AM GMT
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फाइल फोटो
यूपी के ब्लॉकों में विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए विजनरी यूथ की सेवाएं ली जाएंगी।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। यूपी के ब्लॉकों में विकास की रफ्तार को तेज करने के लिए विजनरी यूथ की सेवाएं ली जाएंगी। उन्हें 2 साल की फेलोशिप मिलेगी। हर नगर निगम में टाउन प्लानर रखे जाएंगे। इसके साथ ही वारिस के नाम प्रापर्टी ट्रांसफर या गिफ्ट डीड करने के मामले में खारिज-दाखिल पर अब क्रमश 5 हजार और 10 हजार ही शुल्क देना होगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को आवास विभाग के अधिकारियों को इसके लिए नियमावली बनाने का निर्देश दिया है।
मुख्यमंत्री के समक्ष आवास विभाग के अधिकारियों ने म्यूटेशन नियमावली, जल शुल्क और अंबार शुल्क नियमावली का प्रस्तुतीकरण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि व्यापक जनहित के लिए विकास प्राधिकरणों में संपत्ति के नामांतरण (म्यूटेशन) की प्रक्रिया का सरलीकरण जरूरी है। मौजूदा समय संपत्ति की कुल कीमत का म्यूटेशन शुल्क एक फीसदी लिया जा रहा है। इसे कम करने की जरूरत है। मौजूदा प्रक्रिया भी काफी जटिल है इसे तकनीक के सहयोग से व्यावहारिक बनाया जाए।
युवाओं के लिए शुरू होगी नई फेलोशिप
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि आकांक्षात्मक विकास खंडों के उचित विकास के लिए विशिष्ट फेलोशिप कार्यक्रम शुरू किया जाए। यह फेलोशिप दो वर्ष के लिए होगी। इसमें तकनीकी, प्रबंधन डिग्रीधारी विजनरी युवाओं को तैनात किया जाए।
आकांक्षात्मक विकास खंडों के विकास कार्यों की समीक्षा के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि विशिष्ट फेलोशिप कार्यक्रम शुरू किया जाए। विजनरी युवाओं के लिए यह एक शानदार अवसर होगा। युवाओं का चयन पारदर्शी व्यवस्था के माध्यम किया जाए। अच्छी मासिक धनराशि दी जाए। इन्हें टैबलेट, स्मार्टफोन आदि तकनीकी उपकरण भी दिए जाएं।
हर साल तय होगा जल और मलबा शुल्क
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि जल और अंबार शुल्क की दरें हर साल तय की जाएं। इसके लिए आयकर विभाग के कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स को आधार बनाया जाए। विकास प्राधिकरण की भूमि, सार्वजनिक मार्ग या सार्वजनिक स्थान पर निर्माण सामग्री रखने वालों या निकाय पर अंबार शुल्क की दरों में संशोधन पर विचार किया जाए। अंबार शुल्क नियमावली बनाई जाए।
सभी प्राधिकरणों में टाउन प्लानर रखे जाएंगे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि फ्री होल्ड या गिफ्ट की जानी वाली संपत्ति के मूल्य के आधार पर अधिकतम 10,000 रुपये म्यूटेशन शुल्क लिया जाए। लीज संपत्ति की स्थिति में एक फीसदी म्यूटेशन फीस ली जा सकती है। संपत्ति नामांतरण की प्रक्रिया जनहित गारंटी अधिनियम में है। इसका ध्यान रखते हुए आम नागरिक के आवेदनों का समयबद्ध निस्तारण किया जाए। सभी प्राधिकरणों व निकायों में टाउन प्लानर रखे जाएं। परियोजनाओं का निर्धारण करते समय आगामी 50 वर्षों की स्थिति को ध्यान में रखें। हर कॉलोनी में सभी जरूरी सुविधाएं हों। अवैध कॉलोनियों को विकसित न होने दें।
मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि विकास प्राधिकरणों द्वारा निवासियों से जल शुल्क लेने की व्यवस्था की जाए। अधिकांश विकास प्राधिकरणों में जल शुल्क नहीं लिया जा रहा है। लखनऊ व वाराणसी विकास प्राधिकरण द्वारा अपने स्तर पर निर्धारित शुल्क पर जल शुल्क लिया जा रहा है। इसके लिए नियमावली बनाई जाए।
लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर का निर्माण दो माह में शुरू हो
सीएम ने लखनऊ ग्रीन कॉरिडोर का काम दो माह में शुरू करने का निर्देश दिया। यह योजना लखनऊ को एक आकर्षक स्वरूप देने वाली होगी। गोमती नदी के दोनों तटों और नैमिषारण्य अतिथि भवन के आसपास कुछ झुग्गी बस्तियां हैं। इनका चिह्नीकरण यहां के निवासियों को कहीं और बसाया जाए। बटलर झील को अमृत सरोवर के रूप में विकसित किया जाए। उन्होंने कहा कि विकास प्राधिकरण, नगरीय निकाय, प्रशासन और पुलिस यह सुनिश्चित करें कि कहीं भी किसी भी परिस्थिति में अवैध बस्तियां व रिहायशी कॉलोनी न बसने पाए। लखनऊ आज मेट्रोपोलिटन सिटी के रूप में अत्याधुनिक नगरीय सुविधाओं से लैस हो रही है। विभिन्न नगरों से लोग यहां आकर अपना स्थायी निवास बनाना चाहते हैं।
विकास खंडो में मैन पावर की कमी न हो: मुख्यमंत्री
सीएम ने निर्देश दिए कि आकांक्षात्मक विकासखंडों का विकास हमारी प्राथमिकता में है। वहां मैनपॉवर की कोई कमी नहीं होनी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाए कि इन विकास खंडों में बीडीओ, खंड शिक्षा अधिकारी, एडीओ पंचायत, सीडीपीओ, पशु चिकित्सा अधिकारी, राजस्व कर्मी आदि की तैनाती रहे।
उन्होंने कहा कि मई 2022 को बेसलाइन मानते हुए चयनित इंडिकेटर पर ब्लॉक वार सूचना वर्तमान माह के अंत में एकत्रित कर ली जाए। इसके बाद हर माह की 15 तारीख तक संबंधित जिलों द्वारा ताजा प्रगति विवरण फीड की जाए। इसकी पुष्टि संबंधित विभागों द्वारा भी कराई जाए। इसकी प्रगति को सीएम डैशबोर्ड से भी जोड़ा जाए। सीएम ने कहा कि आकांक्षात्मक विकासखंडों में कार्यक्रम से शोधार्थियों को विकास के विभिन्न क्षेत्रों को समझने तथा उनमें सहयोग करने का सुअवसर प्राप्त होगा, जो उनके भविष्य निर्माण में भी सहायक होगा।
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