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शिक्षण संस्थानों के आसपास तंबाकू की बिक्री से छात्रों पर बुरा असर

Admindelhi1
24 March 2024 8:03 AM GMT
शिक्षण संस्थानों के आसपास तंबाकू की बिक्री से छात्रों पर बुरा असर
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धूम्रपान से कैंसर, हाई बीपी और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बना रहता है

नोएडा: सिगरेट और तंबाकू से स्कूल-कॉलेजों के छात्रों की सेहत बिगड़ रही है. गंभीर बात यह है कि शिक्षण संस्थानों के आसपास ही दुकानें खुली हुई हैं, लेकिन कार्रवाई के नाम पर नगर निगम और स्वास्थ्य विभाग कुछ चालान करके खानापूर्ति कर रहे हैं. इसका नतीजा है कि धूम्रपान से कैंसर, हाई बीपी और ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बना रहता है.

जिले में कैंसर के केस बढ़ने की एक बड़ी वजह तंबाकू का सेवन है. तंबाकू से फेफड़े का कैंसर, सिर, गले और मुंह का कैंसर होता है. लगभग दो तिहाई मामले इससे जुड़े होते हैं. इसके लोगों को कई और अन्य गंभीर बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है. कैंसर सर्जन डा. ज्ञानेंद्र मित्तल बताते हैं कि धूम्रपान के कारण हार्ट की बीमारी, डायबिटीज, हाइपर्टेंशन और सांस की बीमारियों के होने का खतरा रहता है.

धूम्रपान फेफड़े, मुंह, आहार नली, नाक और परानासल साइनस, वॉयस बॉक्स, पेट, यकृत, गुर्दे, यूरिन पाइप, यूरिन ब्लेडर कैंसर का कारण बनता है. कैंसर से भारत में प्रतिवर्ष 13.5 लाख मौत हो रही हैं. 90 प्रतिशत पुरुषों में और 80 प्रतिशत महिलाओं में मौत का कारण धूम्रपान होता है. एक तिहाई युवा दुनिया भर में सेकेंड हैंड स्मोकिंग के संपर्क में आते हैं.

ईएनटी सर्जन डॉ. बृजपाल त्यागी के मुताबिक एक सिगरेट में अनुमानित रूप से 4000-7000 रसायन पाए जाते हैं जिनमें से 43-70 कार्सिनोजेन्स होते हैं. सिगरेट पीने वालों की सबसे ज्यादा संख्या -29 वर्ष के बीच है. इस वर्ग में सिगरेट पीने की दर अन्य उम्र में सिगरेट पीने की तुलना में चार गुना अधिक है.

चालान की कार्रवाई भी हो रही: राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ ने कोटपा अधिनियम के तहत साल 2021-2022 में 34 दुकानों के चालान किए. इसी तरह 2022-2023 में कुल 278 दुकानदारों का चालान किया गया और इनसे 12,450 रुपये वसूले गए. इसी तरह 2023-24 में 6 लोगों पर जुर्माना किया गया और उनसे 11,120 रुपये वसूले गए.

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