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कहा- हमने अपना संवैधानिक कर्तव्य निभाया, LG ने सिसोदिया के भ्रष्टाचार के आरोपों को नकारा

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में नई आबकारी नीति (New excise policy) को लेकर मचा शोर शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Deputy Chief Minister Manish Sisodia) के आरोपों का पूर्व उपराज्यपाल अनिल बैजल (Former LG Anil Baijal) ने खंडन किया है. यह जानकारी उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ( LG Vinay Kumar Saxena) ने दी और उन्होंने मंगलवार शाम को ट्वीट कर सिसोदिया की खिंचाई भी की.
उन्होंने कहा कि पूर्व एलजी अनिल बैजल का बयान पढ़कर स्पष्ट पता चलता है कि पिछले कुछ दिनों में उनके खिलाफ मनीष सिसोदिया और अन्य आप नेताओं ने जानबूझकर भ्रामक, आधारहीन आरोप लगाए हैं. बैजल ने एक बयान जारी कर कहा है कि सिसोदिया के आरोप निराधार हैं. एक हताश व्यक्ति खुद को बचाने का प्रयास कर रहा है.
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना को भेजे दो पेज की सफाई में बैजल ने लिखा है कि सिसोदिया अपने और अपने सहयोगी के कृत्यों और गलतियों के लिए कुछ बहाना खोजने की कोशिश कर रहे हैं. नई दिल्ली आबकारी नीति के क्रियान्वयन के दौरान कई मौकों पर राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा लिए गए गैर कानूनी निर्णयों पर सुझाव दिए. जिन्हें फाइलों पर संशोधित करना पड़ा था. ये तथ्य अब सार्वजनिक डोमेन में हैं.
उन्होंने लिखा है कि गैर-अनुरूप क्षेत्रों में शराब की दुकानों की अनुमति नहीं देकर देश के कानूनों को बनाए रखने की अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी का निर्वहन किया. दिल्ली में आज भी कोई कानून गैर-अनुरूप क्षेत्रों में शराब का ठेका खोलने की अनुमति नहीं देता है.
बैजल ने लिखा है कि मामले में समिति ने अपनी रिपोर्ट 10 दिसंबर 2021 को सौंपी, जिसमें 67 गैर-अनुरूप वार्डों के संबंध में आबकारी विभाग ऐसे वार्डों के लाइसेंसी को ऐसे आसपास के वार्डों के अनुरूप क्षेत्रों में अतिरिक्त ठेके खोलने की अनुमति देने पर विचार कर सकता है, जहां अनुरूप क्षेत्र हैं. या लाइसेंसधारी को आवंटित कोई अन्य वार्ड. लिहाजा, गैर-अनुरूप क्षेत्रों में शराब की दुकानें खोलने की अनुमति नहीं दी गई थी.
बता दें, दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने प्रेस कॉफ्रेंस कर शनिवार को उपराज्यपाल पर गंभीर आरोप लगाए थे. सिसोदिया ने दावा किया कि नई नीति में दुकान बढ़ाने नहीं, बल्कि पूरी दिल्ली में बराबरी पर दुकान बांटने का प्रस्ताव था. उपराज्यपाल की मंजूरी से ही नई नीति बनाई गई थी. सरकार ने उनके सुझाव माने थे. मई 2021 में लागू हुई नई आबकारी नीति से पुराने दुकानदारों को लाभ होता. उपराज्यपाल सचिवालय पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की गई है. उपराज्यपाल सचिवालय में फैसला बदलने के कारण कुछ दुकानदारों को करोड़ों रुपए का फायदा हुआ और सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है. किसके दबाव से फैसला बदला गया, इसकी सीबीआई जांच हो.
सिसोदिया ने आरोप लगाया था कि जब दुकानों को खोलने की फाइल तत्कालीन उपराज्यपाल अनिल बैजल के पास गई तो एकाएक स्टैंड बदल दिया गया. उपराज्यपाल ने दो बार पढ़कर नई नीति को मंजूरी दी थी. उन्होंने कहा था कि नई आबकारी नीति को रोककर कुछ ताकतवर लोगों ने कैसे कुछ दुकानदारों को फायदा पहुंचाया है यह हमने सीबीआई को भी बताया है. उपराज्यपाल ऑफिस पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाते हुए उन्होंने पूरे मामले की सीबीआई जांच की सिफारिश की है. उपराज्यपाल ऑफिस में फैसला बदलने के कारण कुछ दुकानदारों को करोड़ों रुपए का फायदा हुआ और सरकार को करोड़ों का नुकसान हुआ है. किसके दबाव से फैसला बदला गया, इसकी सीबीआई जांच हो.