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सफदरजंग यूडीएस जांच वाला उत्तर भारत का पहला अस्पताल बना
दिल्ली न्यूज़: रीढ़ की हड्डी में चोट लगने से अनियंत्रित हुए पेशाब या मूत्र संबंधी बीमारी से परेशान मरीजों के गुर्दे अब खराब होने से बच सकते हैं। रीढ़ की हड्डी में चोट या महिलाओं में होने वाले मूत्र संबंधी बीमारी के उपचार के लिए सफदरजंग अस्पताल में वीडियो यूडीएस जांच की सुविधा शुरू हुई है। इस आधुनिक जांच की मदद से बीमारी को आसानी से पकड़ा जा सकता है। साथ ही डॉक्टर बीमारी के स्तर व कारण को जान कर उस आधार पर उपचार दे पाएगा। सफदरजंग अस्पताल में 22 साल के एक मरीज पर इसका सफल ट्रायल भी किया गया।
करीब छह साल पहले ट्रेन दुर्घटना में इस मरीज के दोनों पैर लगवा ग्रस्त हो गए थे। यह अनियंत्रित पेशाब की समस्या से पीड़ित था। जांच से बीमारी के कारण का पता चल गया है और अब उसका सफल इलाज हो सकेगा। इससे भविष्य में उसके गुर्दे खराब होने से बचाए जा सकेंगे। सफदरजंग अस्पताल के यूरोलॉजी विभाग में यूनिट 2 के प्रमुख डॉ. पवन वासुदेव ने बताया कि अभी तक महिलाओं में मूत्र संबंधी रोग और रीढ़ की हड्डी की चोट से जुड़े रोगी के लिए कोई समर्पित शाखा नहीं थी।
इस शाखा के तहत सफदरजंग में समर्पित रूप से इन मरीजों के लिए वीडियो यूडीएस निशुल्क जांच शुरू की है। यह नॉर्थ इंडिया का पहला सरकारी अस्पताल होगा। साथ ही देशभर के यूरोलाॅजी के डॉक्टर आपस में चर्चा करके उपचार विधियों का आदान-प्रदान करेंगे। इससे देशभर के मरीजों को फायदा होगा। अस्पताल में हर साल इस तरह के करीब तीन हजार मरीजों का इलाज होता है। अब तक यह सुविधा एक ही जगह न होने के कारण मरीजो को इलाज के लिए यहां-वहां भटकना पड़ता था। अब ऐसा नहीं होगा।
क्या है यूडीएस जांच: यूडीएस जांच विशेष जांच हैं जिसमें आधुनिक कैमरे की मदद से देखा जाता है कि मरीज के पेशाब की थैली कैसे काम कर रही है। ब्लैडर का प्रेशर कैसा है। इस जांच के बाद सटीक बीमारी का पता लगाया जा सकता है, जो अभी तक नहीं हो पाता था।
मरीजों को दी जा सकेगी सलाह: जांच के बाद बीमारी का कारण पता चलने के बाद मरीजों को उचित सलाह दी जा सकेगी। जिसमें पेशाब करने सहित अन्य सलाह शामिल होंगी। इससे मरीज की जिंदगी में सुधार होगा। साथ ही आत्मविश्वास भी जागेगा। जांच के बाद बीमारी आगे चलकर बड़ा रूप नहीं ले पाएगी।
तीन क्षेत्रों में काम करेगी सोसाइटी: यूरोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (यूएसआई) तीन क्षेत्रों से जुड़े मरीजों पर काम करेगी। इसमें स्पाइनल कॉर्ड इंजरी के मरीज, बाल रोग विभाग में जन्मजात रीढ़ की हड्डी की दिक्कत या पेशाब की थैली में दिक्कत और महिलाओं में होने वाले पेशाब संबंधी समस्याओं के उपचार के लिए समर्पित रूप से काम किया जाएगा।