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आज ही के दिन कोरोना की स्थिति पर काबू पाने के लिए पहली बार लगा था लॉकडाउन, कोरोना के 500 केस आने पर उठाना पड़ा था बड़ा कदम

Renuka Sahu
24 March 2022 2:28 AM GMT
आज ही के दिन कोरोना की स्थिति पर काबू पाने के लिए पहली बार लगा था लॉकडाउन, कोरोना के 500 केस आने पर उठाना पड़ा था बड़ा कदम
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फाइल फोटो 

देश में कोरोना की स्थिति पर काबू पाने के लिए 24 मार्च, 2020 को यानी आज से ठीक दो साल पहले देशव्यापी लॉकडाउन लगाया था.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। देश में कोरोना की स्थिति पर काबू पाने के लिए 24 मार्च, 2020 को यानी आज से ठीक दो साल पहले देशव्यापी लॉकडाउन (Lockdown) लगाया था. 22 मार्च, 2020 को 14 घंटे की 'जनता कर्फ्यू' के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने 21 दिनों के लिए पूरे देश में संपूर्ण लॉकडाउन का ऐलान कर दिया था. जब लॉकडाउन की घोषणा हुई थी, उस वक्त देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) के कुल 536 मामले थे. प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा था कि 'किसी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है.'

भारत में कोरोना का पहला केस 30 जनवरी 2020 को केरल में मिला था और देश में इस महामारी से पहली मौत 10 मार्च को कर्नाटक में हुई थी. इसके बाद , 24 मार्च को ये लॉकडाउन लगाया गया था, जो 31 मई तक चला. इसके पहले लगाए गए जनता कर्फ्यू में कहा गया था कि यह लॉकडाउन का ट्रायल है. तब किसी को अंदाजा भी नहीं था कि लॉकडाउन कब खुलेगा. ऐसे में कई तरह की आशंकाएं भी घर कर रही थीं.
3 मई तक बढ़ा दिया था लॉकडाउन
हालांकि 21 दिनों के पहले लॉकडाउन के बाद इसे कई बार बढ़ाया गया. शहरों में काम बंद होने की वजह से गांवों और अपने घरों की तरफ हजारों लोग पैदल पलायन कर गए थे.देश ने इस तरह का लॉकडाउन पहली बार देखा था. किराना दुकान, बैंक, एटीएम, पेट्रोल पंप, दवाई दुकानों और कुछ जरूरी चीजों को छोड़कर सबकुछ बंद हो गया था. इसके बाद प्रधानमंत्री ने कहा था कि 20 अप्रैल तक हर कस्बे, हर थाने को बारीकी से परखा जाएगा. वहां लॉकडाउन का पालन कितना हो रहा है इसका लगातार मूल्यांकन होगा. जो अपने यहां हॉट स्पॉट बनने नहीं देंगे और इसकी आशंका को समाप्त करेंगे, वहां 20 अप्रैल के बाद कुछ सीमित अनुमति दी जाएगी.
वहीं फिर कोरोना के प्रकोप से निपटने के लिए लॉकडाउन की मियाद बढ़ाकर 3 मई तक करने का ऐलान हुआ था. तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह 10 बजे देश के नाम अपने संबोधन में कहा था, 'सभी सुझाव को ध्यान में रखते हुए देश में 3 मई तक लॉकडाउन जारी रखा जाएगा. लॉकडाउन के कारण कोरोनावायरस संक्रमण के बढ़ते मामले नहीं रुके. इसलिए सरकार ने कई राउंड प्रतिबंध बढ़ाने के बाद 1 जून से धीरे-धीरे 'अनलॉक' यानी लॉकडाउन को धीरे-धीरे हटाने की प्रक्रिया करनी शुरू की.वुहान में कोरोना वायरस का पहला केस मिलने के करीब छह माह बाद भारत में इस महामारी ने दस्तक दी थी. देखते-देखते यह देश के अमूमन सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों तक पहुंच गई और छह लाख से ज्यादा लोग इससे संक्रमित हो गए.
अर्थव्यवस्था पर भी पड़ा गहरा असर
महामारी से बचाव के लिए दुनिया के कई देशों ने लॉकडाउन को उपयुक्त तरीका माना, ताकि लोग घरों में रहें और संक्रमण के शिकार न हों.भारत ने भी लॉकडाउन को उचित माना, क्योंकि वह दुनिया के चार सर्वाधिक संक्रमित शहरों में शामिल हो गया था.देश की अर्थव्यवस्था पर भी अब तक का सबसे बड़ा संकट मंडराया. संकट के दौर में देश के करोड़ों लोगों की मदद के लिए देशवासियों ने अपने-अपने स्तर पर हाथ भी बढ़ाया.
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