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रोहिणी पुलिस ने ठगी के माहिर नानी-नाती गैंग का भंडाफोड़ किया, दुख दूर करने का झांसा देकर 50 से अधिक महिलाओं को लगा चुके हैं चपत
Renuka Sahu
30 Jan 2022 4:51 AM GMT
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फाइल फोटो
साउथ रोहिणी पुलिस ने दुख दूर करने का झांसा देकर महिलाओं से ठगी करने वाले नानी-नाती गैंग का भंडाफोड़ किया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। साउथ रोहिणी पुलिस ने दुख दूर करने का झांसा देकर महिलाओं से ठगी करने वाले नानी-नाती गैंग का भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने 65 वर्षीय रजनी अरोड़ा, उसके नाती और एक अन्य साथी को गिरफ्तार कर इनके कब्जे से 15 लाख रुपये के गहने बरामद किए हैं। आरोपियों ने उत्तर भारत के विभिन्न शहरों में 50 से अधिक ठगी की वारदातें की हैं। गैंग के शिकार अधिकतर दिल्ली, पंजाब, हरियाणा व राजस्थान के रहने वाले लोग हुए हैं।
डीसीपी प्रणव तयाल ने बताया कि शशि बाला बत्रा नाम की महिला ने मंगलवार को शिकायत दी थी। पीड़िता ने बताया था कि मंगलवार दोपहर को एक युवक ने उनके घर का दरवाजा खटखटाकर एक शख्स का पता पूछा। थोड़ी ही देर में एक बुजुर्ग महिला वहां आई। बुजुर्ग ने भी उसी शख्स का पता पूछा। साथ ही कहा कि जिनके वहां जाना है, वे काफी पहुंचे हुए संत हैं। बुजुर्ग महिला ने शशि बाला से कहा कि वह अपने गहने लेकर साथ चले तो उसके भी दुख दूर हो जाएंगे। बुजुर्ग महिला उस पीड़िता को पास के पार्क में ले गई, जहां उसके गहने पोटली में रखवा लिए और उसे लोहे की चूड़ियों वाली पोटली से बदलकर कार से फरार हो गई।
कार से मिला सुराग : डीसीपी ने बताया कि एसएचओ संजय कुंडू की देखरेख में एसआई वीरेंद्र सिंधु की टीम ने जांच शुरू की। एक सीसीटीवी कैमरे की फुटेज में उस कार की एक तस्वीर मिली। जांच में मालूम हुआ कि कार बुराड़ी के शख्स की है, लेकिन उसने जोगिंदर को बेच दी थी। वहीं, जोगिंदर ने बताया कि उसने कादीपुर के लव कुमार को कार बेची है।
गाड़ी में बैठते ही दबोचा : एसआई वीरेंद्र सिंधु की टीम को कार कादीपुर गांव में खड़ी मिली। पुलिस टीम कार पर नजर रखे हुए थी। शुक्रवार को जैसे ही कार में तीन लोग बैठे तभी पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। इनमें 65 वर्षीय रजनी अरोड़ा, उसका नाती आशु अरोड़ा और दोस्त लव कुमार शामिल थे।
पहले पति के साथ चलाती थी गिरोह
पुलिस के अनुसार, गिरोह की सरगना रजनी अरोड़ा पहले अपने पति रमेश अरोड़ा के साथ ठगी करती थी। दंपति कई साल जेल में भी रहा था। पांच साल पहले रमेश अरोड़ा की कुरुक्षेत्र जेल में मौत हो गई थी। वहीं, आरोपी आशु अरोड़ा के माता-पिता की मौत बचपन में ही हो गई थी, इसलिए वह नानी रजनी अरोड़ा के साथ ही रहता था। आशु के बड़े होने पर रजनी ने उसे और लव कुमार को अपने गैंग में शामिल कर लिया। लव कार चलाता था, जबकि नानी-नाती ठगी की वारदात को अंजाम देते थे।
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