- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- दिल्ली में आर्टिफिशियल...
दिल्ली-एनसीआर
दिल्ली में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से रोके जाएंगे सड़क हादसे, जानें CRRI का प्लान
Renuka Sahu
14 March 2022 3:48 AM GMT
x
फाइल फोटो
दिल्ली में सेंसर व कृत्रिम बुद्धिमत्ता से सड़क हादसे कम करने की तैयारी है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। दिल्ली में सेंसर व कृत्रिम बुद्धिमत्ता (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) से सड़क हादसे कम करने की तैयारी है। सड़क पर चल रहे अन्य वाहन के इतने नजदीक होने पर की उससे हादसे का खतरा हो, ऐसे समय चालक के लिए वीडियो और ऑडियो अलर्ट जारी होगा। इसके लिए वाहन की वींडशील्ड पर कैमरे व स्क्रीन लगाई जाएगी। सेंसर से वाहन में लगे उपकरण तक सूचना जाएगी और अलर्ट जारी होगा।
केंद्रीय सड़क अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई) अन्य एजेंसियों के साथ मिल इस योजना पर काम कर रही है। हाल ही में नागपुर में इसका पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है। जिसमें पहले चरण में 300 सार्वजनिक बसों में कैमरे और स्क्रीन लगाई गई हैं। इनके चालकों को प्रशिक्षण भी दिया गया है। सेंसर किसी व्यक्ति के अचानक सामने आने, वाहन के तेज गति, कम दूरी होने आदि पर सड़क दुर्घटना का खतरा होने पर अलर्ट जारी करेगा। यह अन्य वाहन के 40 मीटर के दायरे में होने पर जानकारी साझा करता है और तीन से पांच सेंकेड पहले अलर्ट जारी करता है।
कैसे काम करता है
वाहन के वींडशील्ड पर एक छोटा कैमरा और स्क्रीन लगाई जाती है। यह सेंसर तकनीक पर काम करता है। 30 से 40 मीटर के दायरे में किसी अन्य वाहन से हादसे का खतरा होने पर सेंसर वाहन में लगे डिवाइस तक संदेश भेजते हैं। जिसके बाद कृत्रिम बुद्धिमत्ता इस बारे में ऑडियो अलर्ट जारी करता है और उसका वीडियो भी दिखाएगा। जिससे वाहन चालक सतर्क हो जाए और हादसों के खतरे को कम किया जा सके।
छह माह में रिपोर्ट तैयार होगी
शुरुआत के छह माह इन उपकरणों की निगरानी भी होगी। कैमरे व स्क्रीन लगाने के बाद किन इलाकों, किस विशेष चौराहे, मार्ग व कट पर अधिक बार अलर्ट जारी हुआ, इस बारे में रिपोर्ट तैयार की जाएगी। उन स्थानों पर अलर्ट जारी होने का क्या कारण है। चौराहे व मार्ग पर क्या सुधार कर हादसों की संभावनाओं को कम किया जा सकता है, स्थानीय सिविक एजेंसियों के साथ मिलकर इस पर काम होगा।
दिल्ली में जल्द शुरुआत
योजना के सफल होने पर इस साल के अंत तक दिल्ली में शुरुआत करने की तैयारी है। फिर यूपी, मध्यप्रदेश, हरियाणा समेत अन्य राज्यों में भी इसे लगाया जाएगा। पहले सार्वजनिक वाहन बस, टैक्सी, कैब आदि में प्रयोग होगा। फिर निजी वाहनों पर काम होगा। इसके लिए चालकों के लिए जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। चालकों को सड़क सुरक्षा पर प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्हें आगे चल रहे वाहन से उचित दूरी बनाए रखने, तेज गति में वाहन नहीं चलाने आदि के बारे में बताया जाएगा।
सीआरआरआई के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. एस. वेलमुरगन ने कहा, 'हम तीन बिंदुओं पर काम कर रहे हैं। ड्राइवर सेफ्टी, व्हीकल सेफ्टी और इंफास्ट्रक्चर सेफ्टी। इस तकनीक से समय रहते चालकों को हादसे का खतरा होने पर अलर्ट जारी होगा। जिससे हादसे कम करने में मदद मिलेगी।'
दिल्ली में सड़क हादसे
साल हादसे
2021 4512
2020 3976
Next Story