दिल्ली-एनसीआर

दिल्ली सरकार की ओर से वित्त पोषित कॉलेजों को डीयू की ओर से अधिग्रहित करने का किया आग्रह

Ritisha Jaiswal
5 Aug 2022 2:21 PM GMT
दिल्ली सरकार की ओर से वित्त पोषित कॉलेजों को डीयू की ओर से अधिग्रहित करने का किया आग्रह
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े राष्ट्रीय जनतांत्रिक शिक्षक मोर्चा (एनडीटीएफ) ने हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की बैठक के दौरान दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों के शासी निकाय में ‘अनियमितताओं’ का मुद्दा उठाया और विश्वविद्यालय से आग्रह किया कि वह इन कॉलेज का अधिग्रहण करे.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से जुड़े राष्ट्रीय जनतांत्रिक शिक्षक मोर्चा (एनडीटीएफ) ने हाल ही में दिल्ली विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद की बैठक के दौरान दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों के शासी निकाय में 'अनियमितताओं' का मुद्दा उठाया और विश्वविद्यालय से आग्रह किया कि वह इन कॉलेज का अधिग्रहण करे.

अकादमिक परिषद की बैठक 3 अगस्त को हुई थी. एनडीटीएफ ने शुक्रवार को कहा कि बैठक के दौरान कई मुद्दे उठाए गए. एनडीटीएफ के सदस्यों ने दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू)की अकादमिक परिषद की बैठक के दौरान शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया में देरी को लेकर चिंता व्यक्त की.
एनडीटीएफ ने एक बयान में कहा, ''दिल्ली सरकार द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित कॉलेज के शासी निकाय की अनियमितताओं का मुद्दा भी एनडीटीएफ सदस्यों द्वारा उठाया गया था. दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 28 कॉलेज में धन की कमी के कारण शौचालय जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी है.''
एनडीटीएफ ने कहा, ''शिक्षकों और अन्य कर्मचारियों को उनकी गलती के बिना दंडित किया जाता है. दीन दयाल उपाध्याय कॉलेज में धन की कमी के कारण बिजली बिल बकाया होने के कारण बिजली कनेक्शन काटने का नोटिस आया है.''
बयान में कहा गया है कि एनडीटीएफ के सभी सदस्यों ने दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित कॉलेजों की शासी निकाय के संबंध में अकादमिक परिषद की एक विशेष बैठक बुलाने और 28 कॉलेज को विश्वविद्यालय या यूजीसी (विश्वविद्यालय अनुदान आयोग) के तहत लेने की मांग की.
28 डीयू कॉलेज आंशिक रूप से या पूरी तरह से दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित हैं, जिनमें से 12 पूरी तरह से वित्त पोषित हैं. पिछले दो-तीन साल से कोष जारी करने को लेकर कॉलेज और सरकार में खींचतान चल रही है.

बैठक में प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर के कार्यभार का मुद्दा भी उठाया गया और एनडीटीएफ सदस्यों द्वारा स्पष्टीकरण मांगा गया. कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने स्पष्ट किया कि प्रोफेसर और एसोसिएट प्रोफेसर को 14 घंटे और सहायक प्रोफेसर को 16 घंटे का समय लेना होगा, जिसमें कक्षाएं, ट्यूटोरियल और प्रैक्टिकल शामिल होंगे.
एनडीटीएफ के सभी सदस्यों ने 65 वर्ष से अधिक उम्र के शिक्षकों की नियुक्ति का कड़ा विरोध करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को इस तरह का कोई भी कदम न उठाने की चेतावनी दी.


Ritisha Jaiswal

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