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रिपोर्ट में खुलासा, दोपहिया सवारों और राहगीरों के लिए खतरनाक हैं सड़कें

Admin4
3 Aug 2022 10:13 AM GMT
रिपोर्ट में खुलासा, दोपहिया सवारों और राहगीरों के लिए खतरनाक हैं सड़कें
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला 

Delhi News : वर्ष 2021 में हुईं 1,199 सड़क दुर्घटनाओं में 1,238 लोगों की जान गई। यह आंकड़ा वर्ष 2020 में हुईं 1,163 दुर्घटनाओं में 1,197 मौतों से ज्यादा है। इस बीच मौतों के आंकड़े में करीब तीन फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

राजधानी की सड़कों पर होने वाली दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों में 85 फीसदी लोग दोपहिया चालक और पैदल चलने वाले हैं। वर्ष 2021 में हुईं 1,199 सड़क दुर्घटनाओं में 1,238 लोगों की जान गई। यह आंकड़ा वर्ष 2020 में हुईं 1,163 दुर्घटनाओं में 1,197 मौतों से ज्यादा है।

इस बीच मौतों के आंकड़े में करीब तीन फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। दिल्ली सरकार की ओर से सड़क दुर्घटनाओं के विश्लेषण के आधार पर तैयार रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। रिपोर्ट में माना गया है कि पिछले एक साल (2020-2021) के दौरान मौतों की संख्या में बढ़ोतरी के लिए कोविड-19 महामारी के दौरान लॉकडाउन प्रतिबंधों में दी गई ढील का नतीजा है।

दिल्ली की सड़क दुर्घटनाओं के विश्लेषण से पता चला है कि सबसे ज्यादा मौतें दोपहिया सवारों की हुई हैं। इसमें चालक ज्यादा शिकार हुए हैं। इनमें दोपहिया चालक 428 व पीछे बैठने वाले 85 हैं। दूसरे नंबर पर राहगीर हैं। इनकी संख्या 426 है। प्रतिशत में यह आंकड़े क्रमश: 43 व 42 फीसदी बैठते हैं।

रिपोर्ट बताती है कि दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों में करीब 93 प्रतिशत मौतें पैदल, स्कूटी, मोटरसाइकिल, साइकिल, ऑटो और ई-रिक्शा चालकों की हुई है। इनमें 89 फीसदी पुरुषों और 11 फीसदी महिलाएं हैं। जान गंवाने वालों में 20-39 वर्ष के पुरुषों की संख्या सर्वाधिक रही। पैदल चलते हुए 71 महिलाओं ने जान गंवाई, जबकि 37 महिलाएं दुर्घटना के वक्त दोपहिया वाहनों पर पीछे बैठी थीं।

10 वर्ष में मौतों में आई 37 फीसदी की कमी

वर्ष 2012 से 2021 केे बीच 10 वर्ष के दौरान सड़क दुर्घटनाओं में जान गंवाने वालों की संख्या में 37 फीसदी की कमी आई है। 2012 में यह आंकड़ा 1,866 था, जबकि 2021 में दिल्ली में सड़क दुर्घटनाओं में 1,238 लोग मारे गए।

दुर्घटना के लिहाज से पांच खतरनाक कॉरिडोर

रिंग रोड बाईपास: आईजी स्टेडियम से मरघट वाले हनुमान मंदिर का करीब 5.2 किमी का हिस्सा। एक साल में प्रति किमी औसतन करीब 6 और कुल 32 मौतें हुईं

जीटी करनाल रोड : आजादपुर चौक से सिंघु बॉर्डर का करीब 20 किमी हिस्सा। एक साल में प्रति किमी औसतन 5 और कुल 91 मौतें हुईं

आउटर रिंग रोड : इसके 47 किमी के दायरे में 196 लोगों ने जान गंवाई। प्रति किमी का आंकड़ा 4 है

रोहतक रोड : पंजाबी बाग से टिकरी बॉर्डर का करीब 20 किमी लंबा हिस्सा। 75 लोगों ने जान गंवाई। प्रति किमी औसतन चार लोगों की मौत हुई

एनएच-8 : दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर से दिल्ली कंटोनमेंट का 13 किमी लंबा हिस्सा। 53 की मौत हुई। प्रति किमी औसत 4 लोगों ने जान गंवाई

सबसे ज्यादा दुर्घटना संभावित क्षेत्र

मुकरबा चौक : 13

सिग्नेचर ब्रिज : 10

निरंकारी चौक : 10

सीलमपुर चौक :10

पीरागढ़ी चौक :10

आजादपुर चौक : 9

मधुबन चौक : 9

डाबरी चौराहा : 9

जीटी रोड व लिबासपुर रोड का चौक : 9

पंजाबी बाग चौक : 9

गाजीपुर गोलचक्कर : 8

चिराग दिल्ली : 8

चाचा नेहरू बाल चिकित्सालय के नजदीक पुश्ता रोड : 8

जखीरा फ्लाईओवर : 7

मुंडका मेट्रो स्टेशन : 7

यमुना बाजार : 7

अक्षरधाम मेट्रो स्टेशन : 7


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