दिल्ली-एनसीआर

लाखों महिलाओं के लिए राहतभरी खबर! सर्वाइकल कैंसर की पहली देसी वैक्सीन तैयार, मंजूरी के लिए SEC की बैठक आज

Renuka Sahu
15 Jun 2022 3:24 AM GMT
Relief news for millions of women! First indigenous vaccine for cervical cancer ready, SEC meeting today for approval
x

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। सर्वाइकल कैंसर से सुरक्षा के लिए देश में ही बनी भारत की पहली क्वाड्रिवेलेंट ह्यूमन पैपिलोमावायरस वैक्सीन (qHPV) पर आज ड्रग रेग्युलेटर की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमिटी (SEC) विचार करेगी. इस वैक्सीन को सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया (SII) ने तैयार किया है. इसे बाजार में उतारने की अनुमति के लिए कंपनी ने 8 जून को DGCI के सामने आवेदन पेश किया था. ANI के मुताबिक, इस वैक्सीन के फेज 2 और 3 के क्लिनिकल ट्रायल हो चुके हैं. अगर इस वैक्सीन को मंजूरी मिलती है तो देश के लिए ये बड़ी बात होगी. अभी तक सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन के लिए दूसरे देशों पर निर्भर रहना पड़ता है.

फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक, सरकार इस वैक्सीन को टीकाकरण कार्यक्रम में शामिल करने पर विचार कर रही है. इसके तहत 9 से 14 साल की उम्र की लड़कियों को कैंसर से बचाने के लिए ये टीके लगाए जा सकते हैं. अभी सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन केवल प्राइवेट अस्पतालों में उपलब्ध है, वो भी बहुत महंगी. इसकी एक डोज करीब 4 हजार रूपये तक पड़ती है. इस कैंसर के प्रति लोगों में जागरूकता भी बेहद कम है.
सर्वाइकल कैंसर महिलाओं में होने वाली बड़ी बीमारी है. ये भारत में 15 से 44 साल की महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर के बाद दूसरा सबसे ज्यादा होने वाला कैंसर है. ये महिलाओं की सर्विक्स कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है. सर्विक्स यानि गर्भाशय के नीचे वाला छोटा सा हिस्सा. गर्भाशय ग्रीवा में कैंसर आमतौर पर ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (HPV) के कारण होता है. भारत में सर्वाइकल कैंसर के हर साल लगभग 80-90 हजार मामले आते हैं, जो दुनिया में सबसे ज्यादा है.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया को उम्मीद है कि इस देसी सर्वाइकल वैक्सीन को इस साल के आखिर तक बाजार में लॉन्च किया जा सकता है. न्यूज18 के मुताबिक, वैक्सीन के अप्रूवल के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (DCGI) को दिए आवेदन में सीरम इंस्टीट्यूट के सरकारी और नियामक मामलों के निदेशक प्रकाश कुमार सिंह ने बताया है कि इस वैक्सीन का नाम CERVAVAC होगा. ट्रायल के दौरान इसका काफी अच्छा असर रहा है. सभी उम्र वाली महिलाओं में सभी एचपीवी वायरस पर एंटीबॉडी रिस्पांस बेसलाइन से एक हजार गुना ज्यादा देखा गया है.
Next Story