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विलंब शुल्क देने पर आवंटियों की रजिस्ट्री होगी, यीडा में 32 हजार आवंटी

Admin Delhi 1
4 Feb 2023 7:53 AM GMT
विलंब शुल्क देने पर आवंटियों की रजिस्ट्री होगी, यीडा में 32 हजार आवंटी
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नोएडा न्यूज़: समय सीमा खत्म होने के बाद यमुना प्राधिकरण के करीब 4100 आवंटियों को विलंब शुल्क के साथ रजिस्ट्री करानी पड़ेगी. प्राधिकरण ने बिना जुर्माने के लीज डीड कराने का जो समय दिया था, उसमें 1193 आवंटियों ने रजिस्ट्री कराई है. अब पहले साल संपत्ति की कुल कीमत का एक प्रतिशत जुर्माना लगेगा. यह जुर्माना हर साल एक प्रतिशत की दर से बढ़ेगा. जुर्माना अदा करने के बाद ही रजिस्ट्री हो सकेगी.

यीडा ने गत सितंबर में आवंटियों को 31 मार्च तक रजिस्ट्री कराने का समय दिया था. इस दौरान कोई विलंब शुल्क नहीं लगना था. दिसंबर में हुई प्राधिकरण की बैठक में इस समय सीमा को घटाकर 31 जनवरी तक रजिस्ट्री कराने वालों पर कोई जुर्माना नहीं लगेगा. यह पहली बार था जब प्राधिकरण ने समय घटाया है. तय समय खत्म होने के बाद रजिस्ट्री कराने वालों पर को विलंब शुल्क देना होगा. यीडा ने करीब 5300 आवंटियों को रजिस्ट्री कराने का ऑफर दिया था. इसमें से इस अवधि के दौरान करीब 1193 आवंटियों ने रजिस्ट्री करवाई है. इस दौरान आवंटियों को किसी तरह का कोई विलंब शुल्क नहीं देना पड़ा.

यीडा ने आवासीय, व्यावसायिक, संस्थागत, औद्योगिक आदि श्रेणी में अब तक करीब 32000 आवंटन किए हैं. इसमें से 2062 आवंटन औद्योगिक श्रेणी के हैं. जिन सेक्टर का विकास पूरा हो जाता है, उनके आवंटियों को चेक लिस्ट जारी की जाती है. उन्हें रजिस्ट्री का ऑफर किया जाता है. रजिस्ट्री के बाद भूखंड पर कब्जा दिया जाता है. इसके बाद नियत समय पर आवंटी को निर्माण कार्य करना होता है. इसमें भी अगर नियत समय पर निर्माण कार्य नहीं किया तो भी जुर्माने का प्रावधान है.

ऐसे लगता है जुर्माना: रजिस्ट्री ऑफर करने वालों में 4100 आवंटी बचे हुए हैं. जिन आवंटियों को चेक लिस्ट जारी हो चुकी होती है, उन्हें रजिस्ट्री कराने के लिए कहा जाता है. इसके लिए समय सीमा तय होती है. यह समय सीमा पूरी होने के बाद आवंटियों को रजिस्ट्री कराने से पहले विलंब शुल्क देना होता है. यीडा ने पहले साल कुल संपत्ति का एक प्रतिशत विलंब शुल्क वसूल करता है. यह विलंब शुल्क हर साल एक प्रतिशत और बढ़ता है.

आवंटियों को रजिस्ट्री कराने के लिए 31 जनवरी तक का समय दिया गया था. जिन आवंटियों ने रजिस्ट्री नहीं करवाई है, अब उन्हें विलंब शुल्क देना होगा.

-डॉ. अरुणवीर सिंह, सीईओ, यमुना प्राधिकरण

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