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नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली वासियों को स्वच्छ और साफ दूध की सप्लाई को संविधान के मौलिक अधिकारों में शामिल करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करने से इंकार कर दिया है. चीफ जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि उप-राज्यपाल को सलाह देने का कोर्ट को अधिकार नहीं है.
याचिका वकील ऋतु गौबा ने दायर किया था. याचिका में कहा गया था कि दिल्ली में पशु सड़कों पर मर रहे हैं और वे पॉलीथीन खाने को मजबूर हैं. पॉलीथीन खाने की वजह से पशुओं का मिलने वाला दूध दिल्लीवासियों के स्वास्थ्य पर असर डाल रहा है. पशुओं की दयनीय स्थिति ऐसी है कि उन्हें सीवर का पानी पिलाया जाता है.
सुनवाई के दौरान जब कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि उप-राज्यपाल को हम किस कानून के तहत सलाह दे सकते हैं. तब याचिकाकर्ता ने अपने दावे में कई सारे मीडिया रिपोर्ट्स का जिक्र किया. इस पर कोर्ट नाराज हो गई और याचिकाकर्ता पर जुर्माना लगाने की चेतावनी दी. उसके बाद याचिकाकर्ता ने कोर्ट से याचिका वापस ले ली.
नई दिल्ली : अशोक विहार श्रम कार्यालय से भ्रष्टाचार की शिकायतें आने पर उपमुख्यमंत्री व श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया ने श्रमिक बोर्ड व श्रम विभाग के उच्चाधिकारियों के साथ औचक निरीक्षण कर इन शिकायतों की जांच की. निरीक्षण के दौरान श्रम मंत्री ने कार्यालय के कामों में कई अनियमितता पाई और सख्त एक्शन लेते हुए मैनेजर सहित चार कर्मचारियों को तुरंत बर्खास्त करने और उनपर त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया. साथ ही सुपरवाईजरी ऑफिसर को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया.
श्रम कार्यालय के औचक निरीक्षण के दौरान उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने पाया कि क्लेम ब्रांच में डायरी व डिस्पैच रजिस्टर अपडेटेड नहीं है. साथ ही उन्होंने कार्यालय के फाइलों व कंप्यूटर डेटाबेस की भी जांच की उसमें भी अनियमितता पाई गई. फाइलों की जांच के दौरान श्रम मंत्री ने फाइल में लाभार्थियों के दिए गए फ़ोन नंबर पर कॉल कर उनसे क्लेम आवेदन के स्टेटस की जांच की यहां भी कई फ़ोन नंबर गलत थे. इसपर सवाल करने पर वहां मौजूद अधिकारी की ओर से कोई संतोषजनक जबाब नहीं मिला. इसे मद्देनज़र रखते हुए श्रम मंत्री ने कार्यालय के मैनेजर, डीलिंग अस्सिस्टेंट सहित 4 कर्मियों को बर्खास्त करने और जरुरी कार्यवाई करने के निर्देश दिए.
मनीष सिसोदिया ने श्रम अधिकारियों को निर्देश दिया कि श्रमिक कल्याण योजनाओं के माध्यम से श्रमिकों को समुचित लाभ देने संबंधी सभी काम समय पर किए जाएं. इसमें कोई भी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और लापरवाही करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा. सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में वर्तमान में लगभग 10 लाख पंजीकृत निर्माण श्रमिक है, और सरकार द्वारा उन्हें एक बेहतर जिन्दगी जीने के लिए कई सुविधाएं दी जाती है