- Home
- /
- दिल्ली-एनसीआर
- /
- ऐसे समाचार या विचार,...
दिल्ली-एनसीआर
ऐसे समाचार या विचार, जो समाज में नफरत और निराशा फैला सकते हैं, उन्हें प्रकाशित करने से बचना चाहिए: डॉ. संजय द्विवेदी
Harrison
2 Sep 2023 4:26 PM GMT

x
नई दिल्ली। भारतीय जन संचार संस्थान के पूर्व महानिदेशक प्रो. (डॉ.) संजय द्विवेदी ने राम जानकी संस्थान, दिल्ली द्वारा आयोजित दो दिवसीय पत्रकारिता कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि आज 99 फीसदी खबरें सोशल मीडिया से आ रही हैं। सभी के सामने यह संकट है कि किस खबर को सही मानें और किसे नहीं। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर जो लिखा जा रहा है और सूचना दी जा रही है, उसे भी मुख्यधारा के पत्रकारों का काम समझा जा रहा है, जबकि दोनों अलग हैं। इसी वजह से आज मीडिया लिटरेसी की जरुरत है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि की आसंदी से प्रो. द्विवेदी ने कहा कि मोबाइल ने व्यक्ति के व्यवहार में बड़े पैमाने पर परिवर्तन किया है। आज की सबसे बड़ी आवश्यकता मीडिया साक्षरता है। लोगों को बताना पड़ेगा कि वे ‘फेक न्यूज’ और ‘हेट न्यूज’ से कैसे बच सकते हैं। मीडिया साक्षरता को लेकर एक व्यापक अभियान की आवश्यकता है। युवाओं का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि फेक न्यूज से बचने का मूल मंत्र है, ‘बुरा न टाइप करो’, बुरा न लाइक करो और बुरा न शेयर करो।'
प्रो. द्विवेदी के अनुसार ऐसे समाचार या विचार, जो समाज में नफरत और निराशा फैला सकते हैं, उन्हें प्रकाशित करने से बचना चाहिए। समाज का हित और विकास ही पत्रकारिता का मुख्य उद्देश्य है और पत्रकारों को इसी दिशा में काम करना होगा। उन्होंने कहा कि आपके समाचार का समाज पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसका मूल्यांकन आपको स्वयं करना चाहिए। लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की मर्यादा को ध्यान में रखकर पत्रकारों को समाज में तथ्य पेश करने चाहिए।
उन्होंने कहा कि सूचना क्रांति ने पत्रकारिता के क्षेत्र को व्यापक और समृद्ध किया है। मीडिया को नकारात्मक पत्रकारिता के जाल में फंसने की बजाय, स्वस्थ पत्रकारिता सीखनी चाहिए और समाज में जो कुछ अच्छा काम हो रहा है, उसकी सूचना लोगों तक पहुंचानी चाहिए। कार्यक्रम में राजस्थान विश्वविद्यालय, जयपुर के पत्रकारिता विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो.संजीव भानावत, आरजेएस के प्रमुख उदय कुमार मन्ना, सोमन कोर्सेज (कोलकाता), कवि अशोक मलिक, आकाशवाणी के उद्घोषक निसिथ कुमार ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
Tagsऐसे समाचार या विचारजो समाज में नफरत और निराशा फैला सकते हैंउन्हें प्रकाशित करने से बचना चाहिए: डॉ. संजय द्विवेदीRefrain from publishing such news or ideaswhich can spread hatred and despair in the society: Dr. Sanjay Dwivediजनता से रिश्ता न्यूज़जनता से रिश्ताआज की ताजा न्यूज़हिंन्दी न्यूज़भारत न्यूज़खबरों का सिसिलाआज का ब्रेंकिग न्यूज़आज की बड़ी खबरमिड डे अख़बारJANTA SE RISHTA NEWSJANTA SE RISHTATODAY'S LATEST NEWSHINDI NEWSINDIA NEWSKHABARON KA SISILATODAY'S BREAKING NEWSTODAY'S BIG NEWSMID DAY NEWSPAPER

Harrison
Next Story