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जुर्माने की वसूली करना निगमों में भ्रष्टाचार के चलते करना बेहद मुश्किल: दुर्गेश पाठक
दिल्ली न्यूज़: सुप्रीम कोर्ट की मॉनिटरिंग टीम की रिपोर्ट का हवाला देते हुए आप एमसीडी प्रभारी दुर्गेश पाठक ने कहा कि भाजपा शासित एमसीडी सिर्फ पांच फीसदी जुर्माने की वसूली कर पाती है। इसका बड़ा कारण भ्रष्टाचार है। यदि बीजेपी ईमानदारी से जुर्माना वसूलती तो उसे पर्याप्त फंड नहीं होने का कभी रोना नहीं रोना पड़ता। रिपोर्ट ने भाजपा शासित एमसीडी का भंडाफोड़ दिया है क्योंकि अलग-अलग नियम उलंघन के लिए इतना पैसा आ सकता है जिससे तीनों निगम सुचारू रूप से चल सकते थे। उन्होने कहा कि रिपोर्ट बताती है कि बीजेपी 14 हजार प्रॉपर्टीज में से सिर्फ 2300 संपत्तियों से जुर्माना वसूलती है। जिसके कारण एमसीडी 16 हजार करोड़ के नुकसान में चल रही है। साउथ एमसीडी में 8486 प्रॉपर्टीज हैं। जिसके लिए 1200 करोड़ की वसूली बनती है लेकिन एमसीडी सिर्फ 70 करोड़ रुपए इक_ा करती है। बीजेपी सिर्फ संपत्ति पर लगभग 6000 करोड़ जुर्माना वसूल सकती है लेकिन सारा पैसा पार्षदों और नेताओं की जेब में जा रहा। भाजपा इस रिपोर्ट पर जनता को जवाब दे कि उसने यह घपलेबाजी क्यों की है।
दुर्गेश पाठक ने कहा, एमसीडी का नाम मोस्ट करप्ट डिपार्टमेंट रखा है और इसकी पुष्टि सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित मॉनिटरिंग कमेटी ने कर दी है। रिपोर्ट में जो आंकड़े बताए गए हैं, वह डराने वाले हैं। साथ ही भाजपा के 15 सालों के कुशासन का आईना भी दिखाते हैं। एमसीडी जो भी जुर्माना वसूलती है, यह रिपोर्ट उसमें किए गए भ्रष्टाचार पर है। सबसे पहली कमेटी 2006 में बनी थी, जिसमें 3 लोगों का चयन किया गया था, 2017 में इस कमेटी में बदलाव किए गए। तब से जमीनी स्तर पर सभी आंकड़ों की पुष्टि की गई और उसके बाद ही इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है। इस रिपोर्ट में स्पष्ट तौर पर आंकड़े बताए गए हैं।