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री-इंफेक्शन-वैक्सीन ब्रेक थ्रू : कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप पर कोई असर नहीं

Shiddhant Shriwas
23 Oct 2021 2:31 AM GMT
री-इंफेक्शन-वैक्सीन ब्रेक थ्रू : कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप पर कोई असर नहीं
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नई दिल्ली स्थित आईजीआईबी और गाजियाबाद स्थित एकेडमी फॉर साइंटिफिक एंड इनोवेटिव बायोलॉजी के वैज्ञानिकों ने मिलकर यह अध्ययन किया है

कोरोना टीकाकरण 100 करोड़ पार होने के बाद देश महामारी से मुक्ति का इंतजार कर रहा है, लेकिन भारतीय वैज्ञानिकों की चिंता अभी खत्म नहीं हुई है। टीकाकरण के बाद भी कोरोना वायरस के डेल्टा स्वरूप पर कोई असर नहीं है। टीकाकरण अधिक होने की वजह से संक्रमण नियंत्रण में जरूर आया है, लेकिन डेल्टा वेरिएंट कमजोर नहीं पड़ा है। अगर किसी शख्स के शरीर में फुल एंटीबॉडी विकसित हो चुकी है तो भी उसे कोरोना संक्रमण से सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जा सकती है, वह फिर से संक्रमण की चपेट में आ सकता है।

वैज्ञानिकों को हैरानी तब हुई जब वे देश में री-इंफेक्शन और वैक्सीन ब्रेक थ्रू केस पर पहला चिकित्सीय अध्ययन कर रहे थे। इस दौरान मरीज के सैंपल की जीनोम सीक्वेंंसिंग के दौरान उन्हें डेल्टा स्वरूप मिला लेकिन यह साल भर बाद भी उतना ही आक्रामक रह सकता है, इसका अंदाजा शायद पहले से नहीं था। इसीलिए वैज्ञानिकों ने सलाह दी है कि जब तक डेल्टा स्वरूप जैसा आक्रामक वायरस हमारे बीच मौजूद हो तब तक किसी भी तरह की कल्पना नहीं की जा सकती है।

पुणे स्थित डॉ. डीवाई पाटिल विद्यापीठ, नई दिल्ली स्थित आईजीआईबी और गाजियाबाद स्थित एकेडमी फॉर साइंटिफिक एंड इनोवेटिव बायोलॉजी के वैज्ञानिकों ने मिलकर यह अध्ययन किया है जिसे एल्सेवियर मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किया है। आईजीआईबी के डॉ. विनोद स्कारिया के अनुसार डेल्टा वेरिएंट की वजह से अब कहा जा सकता है कि कोरोना का संक्रमण एक से अधिक बार भी हो सकता है।

हर केस की बेहतर निगरानी जरूरी

वैज्ञानिकों ने अध्ययन में निष्कर्ष निकाला है कि वैक्सीन लेने के बाद अगर किसी को संक्रमण होता है तो ऐसे मामलों की निगरानी बेहद जरूरी है क्योंकि इनके आधार पर वायरस की प्रतिक्रिया के बारे में समय रहते जानकारी मिल सकती है। इसी तरह वैक्सीन की दोनों खुराक लेने के बाद अगर कोई संक्रमित होता है तो यह संभावना अधिक है कि उसे सांस लेने में कठिनाई जैसे गंभीर लक्षण भी मिले।

क्या कहते हैं आंकड़ें

1,04,441 सैंपल की अब तक जीनोम सीक्वेसिंग हुई

60694 सैंपल को ही लिंकेज करने में मिली कामयाबी

60694 में से 40682 (67 फीसदी) सैंपल में मिले कोरोना के गंभीर वेरिएंट

40682 में से अकेले डेल्टा ही 25969 सैंपल में मिला

24 म्यूटेशन अब तक डेल्टा में हो चुके हैं दर्ज

5449 लोगों में डेल्टा के दूसरे म्यूटेशन अब तक आ चुके हैं सामने

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