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राकेश टिकैत योगेंद्र यादव को सस्पेंड करने पर बोले- कुछ चीजें बताने की नहीं हैं...

Gulabi
23 Oct 2021 9:14 AM GMT
राकेश टिकैत योगेंद्र यादव को सस्पेंड करने पर बोले- कुछ चीजें बताने की नहीं हैं...
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पिछले दिनों हुई लखीमपुर हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ता शुभम मिश्रा के परिवार से मुलाक़ात करने को लेकर संयुक्त किसान मोर्चा ने स्वराज पार्टी के नेता योगेन्द्र यादव को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया है। योगेंद्र यादव के निलंबन पर किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा है कि वे एक महीने की छुट्टी पर हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि कुछ चीजें बताने के लिए नहीं होती हैं।


समाचार वेबसाइट से बातचीत के दौरान जब किसान नेता राकेश टिकैत से योगेंद्र यादव के निलंबन को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वे एक महीने की छुट्टी पर हैं। इसपर जब पत्रकार ने कहा कि छुट्टी तो आप कह रहे हैं लेकिन उन्हें तो सस्पेंड किया गया है। इसके जवाब में राकेश टिकैत ने कहा कि सब चीजें बताने के लिए होती हैं क्या। बहुत चीज कहने की होती है और बहुत चीज कहने की नहीं भी होती है। जो भी हुआ है वो सब की सहमति से हुआ है।

इस दौरान जब राकेश टिकैत से पूछा गया कि सरकार तो आपकी बात नहीं मान रही है। तो उन्होंने कहा कि सरकार तो 11 महीने से नहीं मान रही है, सरकार थोड़ी टाइट है और बात नहीं मान रही है। इसके बाद जब उनसे कहा गया कि आप लोग सरकार को मना नहीं पा रहे हैं तो राकेश टिकैत ने कहा कि हम तो 11 महीने से लगे हुए हैं। एक आध साल में मान जाएंगे, अभी तो ज्यादा समय भी नहीं हुआ है।

बता दें कि गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा ने लखीमपुर खीरी हिंसा में मारे गए भाजपा कार्यकर्ताओं के परिजनों से मिलने के कारण स्वराज पार्टी के नेता योगेंद्र यादव को एक महीने के लिए निलंबित कर दिया। गुरुवार को सिंघु बॉर्डर पर सभी किसान नेताओं की लंबी बैठक के बाद यह फैसला लिया गया। निलंबन की अवधि के दौरान योगेंद्र यादव संयुक्त किसान मोर्चा के किसी भी कार्यक्रम में हिस्सा नहीं ले सकेंगे।

संयुक्त किसान मोर्चा के द्वारा निलंबित किए जाने पर योगेंद्र यादव ने भी अपना बयान जारी किया है और कहा कि वे इस फैसले का सम्मान करते हैं। अपने बयान को ट्विटर पर साझा करते हुए उन्होंने लिखा है कि मैं संयुक्त किसान मोर्चा की सामूहिक निर्णय प्रक्रिया का सम्मान करता हूं और इस प्रक्रिया के तहत दी गई सजा को सहर्ष स्वीकार करता हूं। किसान आंदोलन देश के लिए आशा की एक किरण बनकर आया है। इसकी एकता और सामूहिक निर्णय प्रक्रिया को बनाए रखना आज के वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है।



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