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नई दिल्ली। राज्यसभा में जारी टकराव को दूर करने के लिए उपराष्ट्रपति ने नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे व अन्य राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की।
दरअसल, मंगलवार को मणिपुर हिंसा मामले पर चर्चा होनी है। सोमवार को राज्यसभा के सभापति ने स्वीकृति प्रदान करते हुए चर्चा प्रारंभ कराने की कोशिश की। लेकिन, पक्ष और विपक्ष के बीच चर्चा के नियमों को लेकर मतभेद गहरा गया। इसके कारण सदन में जबरदस्त हंगामा हुआ और कार्यवाही को मंगलवार तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने संसद भवन में विभिन्न राजनीतिक दलों के संसद सदस्यों के साथ अपने कक्ष में एक महत्वपूर्ण मुलाकात की। कार्यालय के मुताबिक यह बातचीत राज्यसभा में कामकाज के सुचारू संचालन को सुनिश्चित करने के लिए थी। उन्होंने अपने कक्ष में विपक्ष के नेता (राज्यसभा) मल्लिकार्जुन खड़गे से बातचीत की। इस दौरान संसदीय कार्य, कोयला और खान मंत्री प्रल्हाद जोशी, अर्जुन राम मेघवाल समेत कई अन्य मंत्री व सांसद भी उपस्थित थे।
बता दें कि सोमवार को 2 बजे सदन में सभापति ने मणिपुर पर अल्पचर्चा को मंजूरी दे दी। लेकिन, इसके बाद राज्यसभा में हंगामा और अधिक बढ़ गया। जिसके चलते सदन की कार्यवाही पहले 2 बजकर 30 मिनट और फिर 3 बजकर 30 मिनट तक स्थगित कर दी गई। 3 बजकर 30 मिनट पर जब राज्यसभा शुरू हुई तो भी हंगामा जारी रहा, इस पर सदन की कार्यवाही 1 अगस्त तक के लिए स्थगित करना पड़ा।
विपक्ष मणिपुर मुद्दे पर नियम 267 के अंतर्गत विस्तार से चर्चा की मांग कर रहा है। विपक्ष का कहना है कि प्रधानमंत्री पहले इस मुद्दे पर सदन के समक्ष अपना बयान और संबंधित जानकारी रखें। इसके उपरांत मणिपुर हिंसा के संबंध में सदन में विस्तार से चर्चा कराई जाए।
नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का कहना है कि नियम 267 के अंतर्गत आवश्यकता पड़ने पर चर्चा के अंत में वोटिंग भी कराई जा सकती है।
वहीं, मणिपुर हिंसा पर राज्यसभा में सोमवार को सभापति ने नियम 176 के तहत ‘शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन’ प्रारंभ करने की बात कही। सभापति ने चर्चा प्रारंभ करने के लिए राज्यसभा सांसद वीरेंद्र प्रसाद वैश्य का नाम भी पुकारा। इसके तुरंत बाद ही विपक्षी सांसद इस कार्यवाही के विरोध में अपने स्थानों पर खड़े हो गए। विपक्षी सांसदों का कहना था कि मणिपुर हिंसा के मुद्दे पर नियम 267 के अंतर्गत विस्तार से चर्चा कराई जाए। इस मुद्दे पर सदन में जमकर हंगामा हुआ और चर्चा शुरू होने से पहले ही सदन की कार्यवाही दो बार स्थगित करनी पड़ी।
तृणमूल कांग्रेस के राज्यसभा सांसद डेरेक ओ’ब्रॉयन ने कहा कि हम सभी चर्चा के लिए तैयार हैं। हम मणिपुर के विषय पर विस्तार से चर्चा चाहते हैं। हमारा प्रतिनिधि मंडल मणिपुर गया। यह बहुत गंभीर मामला है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री इस मसले पर आगे क्यों नहीं आ सकते।
सोमवार को ही राज्यसभा में नेता सदन पीयूष गोयल ने कहा कि सरकार मणिपुर हिंसा पर चर्चा के लिए तैयार है, बावजूद इसके विपक्ष द्वारा राज्यसभा की कार्यवाही के 9 दिन व्यर्थ किए गए। गोयल ने कहा हम आज के आज ही नियम 176 के अंतर्गत मणिपुर पर चर्चा करने को तैयार हैं। सोमवार दोपहर 2 से मणिपुर पर चर्चा की जाए। साथ ही उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि विपक्ष की दाढ़ी में कुछ तो काला है, जो यह सामने नहीं आने देना चाहते।
इससे पहले सोमवार को राज्यसभा की कार्यवाही प्रारंभ होने के उपरांत सभापति ने बताया कि उन्हें नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए 65 नोटिस प्राप्त हुए हैं। गौरतलब है कि नियम 267 के अंतर्गत सदन की शेष सभी कार्यों को निलंबित करते हुए विस्तृत चर्चा कराई जाती है।