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इमारतों की मजबूती जांचने को आवाज उठाई, आवेदन आने के बाद एजेंसी का चयन
नोएडा न्यूज़: नोएडा में पॉलिसी लागू होते ही सोसाइटियों से स्ट्रक्चरल ऑडिट कराने की मांग उठने लगी है. शहर की अलग-अलग पांच सोसाइटी के लोगों ने ऑडिट कराने की मांग की है. अब नोएडा प्राधिकरण जांच कराएगा कि मांग करने वालों को सोसाइटी वालों का 25 प्रतिशत समर्थन प्राप्त है या नहीं. इसके बाद ऑडिट की मांग को कमेटी के सामने रखा जाएगा. वहीं नई परियोजना के 43 बिल्डरों को ऑडिट पॉलिसी के प्राधिकरण ने सूचना भेज दी है.
नोएडा प्राधिकरण ने पिछले सप्ताह ही स्ट्रक्चरल ऑडिट को मंजूरी दी थी. पहली बार यूपी के किसी शहर में यह पॉलिसी लागू हुई है. ऑडिट पॉलिसी के लागू होने से बिल्डर नया निर्माण बेहतर गुणवत्ता के साथ कराएंगे, साथ ही पुराने मामलों में बिल्डरों पर कार्रवाई की जाएगी. शहर में हर सप्ताह किसी न किसी सोसाइटी में प्लास्टर गिरने समेत अन्य बिंदुओं पर बिल्डरों की ओर से खराब निर्माण सामग्री का प्रयोग करने की शिकायत प्राधिकरण के पास पहुंचती हैं. पॉलिसी लागू होते ही पुरानी सोसाइटियों से ऑडिट की मांग आने लगी हैं.
प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि जिन सोसाइटी से शिकायतें आई हैं अब उनकी जांच कराई जाएगी. जांच में देखा जाएगा कि मांग एओए के स्तर से हुई है या आम लोगों के जरिए. अगर आम लोगों ने ऑडिट की मांग की है तो देखा जाएगा कि उनके पास सोसाइटी के 25 प्रतिशत लोगों का समर्थन है या नहीं. अगर इन नियमों पर शिकायत सही मिलती है तो उसको जांच के लिए कमेटी के सामने रखा जाएगा.
कमेटी तय करेगी कि ऑडिट करें या नहीं. स्ट्रक्चरल ऑडिट की शिकायत और मांग किसी भी टावर के 25 प्रतिशत से ज्यादा निवासियों से की जाएगी तो प्राधिकरण निरीक्षण करवाएगा. निरीक्षण को जाने वाली कमिटी में बिल्डर व एओए का एक-एक प्रतिनिधि भी शामिल किया जाएगा. प्राधिकरण की इस कमेटी में एसीईओ, नियोजन विभाग के महाप्रबंधक, जल और सिविल विभाग के उपमहाप्रबंधक शामिल हैं.
इसके साथ ही बतौर एक्सपर्ट स्ट्रक्चरल ऑडिट के पैनल से किसी भी एक एजेंसी को शामिल किया जाएगा. निरीक्षण में अगर स्ट्रक्चरल ऑडिट की जरूरत कमेटी समझेगी तो इसकी सूचना भी दी जाएगी.