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रेल मंत्री : वरिष्ठ नागरिकों, खिलाड़ियों को किराये में फिर से छूट देने की योजना नहीं

Rani Sahu
20 July 2022 12:23 PM GMT
रेल मंत्री : वरिष्ठ नागरिकों, खिलाड़ियों को किराये में फिर से छूट देने की योजना नहीं
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रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि कोविड महामारी का रेलवे की आर्थिक स्थिति पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा है और ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों समेत कई श्रेणियों के किराये में छूट का दायरा बढ़ाना वांछनीय नहीं है

नई दिल्ली: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बुधवार को कहा कि कोविड महामारी का रेलवे की आर्थिक स्थिति पर दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा है और ऐसे में वरिष्ठ नागरिकों समेत कई श्रेणियों के किराये में छूट का दायरा बढ़ाना वांछनीय नहीं है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि इन चुनौतियों के बावजूद भारतीय रेल ने दिव्यांगजनों की चार श्रेणियों, रोगियों एवं छात्रों की 11 श्रेणियों में किराए में छूट देना जारी रखा है. वैष्णव ने संसदन में कांग्रेस सांसद एके एंटनी और एनसीपी सांसद एम आरिफ के प्रश्नों के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी.

उन्होंने कहा, 'भारतीय रेल पहले से ही वरिष्ठ नागरिकों समेत यात्रियों के लिए यात्रा लागत पर 50 प्रतिशत से अधिक का खर्च वहन कर रही है. इसके अलावा, कोविड-19 के कारण पिछले दो वर्षों की रेलवे की कमाई 2019-20 की तुलना में कम रही. इसका रेलवे की वित्तीय सेहत पर भी दीर्घकालिक प्रभाव पड़ा.' वैष्णव ने कहा कि इसी कारण वरिष्ठ नागरिकों समेत कई श्रेणियों के किराये में छूट का दायरा बढ़ाना वांछनीय नहीं है.
रेल मंत्रालय द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों से पता चलता है कि वरिष्ठ नागरिकों को दी जाने वाली रियायतों के कारण राजस्व का काफी नुकसान हुआ है. 2017-18, 2018-19 और 2019-20 के दौरान वरिष्ठ नागरिक यात्रियों को किराए में रियायतों के कारण रेलवे के राजस्व में क्रमशः 1491 करोड़ रुपये, 1636 करोड़ रुपये और 1667 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ. रेल मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों से पता चलता है कि मार्च 2020 में यात्री किराए में वरिष्ठ नागरिकों के लिए रियायतों को खत्म किए जाने से पहले, 22.62 लाख वरिष्ठ नागरिकों ने यात्री किराए में रियायत योजना को छोड़ने का विकल्प चुना था.


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