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दिल्ली में शराब की होम ड‍िलीवरी पर पुण्‍य प्रसून वाजपेयी ने कसा तंज, रोह‍िणी स‍िंह का पलटवार बोली: म‍ह‍िलाओं के ल‍िए ठेका पर खड़ा होने से अच्‍छा है

Vikrant Gupta
4 Jan 2022 8:03 AM GMT
दिल्ली में शराब की होम ड‍िलीवरी पर पुण्‍य प्रसून वाजपेयी ने कसा तंज, रोह‍िणी स‍िंह का पलटवार बोली: म‍ह‍िलाओं के ल‍िए ठेका पर खड़ा होने से अच्‍छा है
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केजरीवाल सरकार का कहना है कि नई नीति का उद्देश्य सरकारी राजस्व में वृद्धि करना, शराब की दुकानों पर सुधार करना और भ्रष्टाचार को कम करना है।

दिल्ली में शराब की होम डिलीवरी पर विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। शराब के ठेके और होम डिलीवरी दोनों पर पक्ष और विपक्ष में लोग सोशल मीडिया पर भिड़ते दिख रहे हैं। ऐसे ही एक ट्वीट में जब वरिष्ठ पत्रकार पुण्य प्रसून वाजपेयी ने तंज कसा तो पत्रकार रोहिणी सिंह ने उसपर पलटवार कर दिया।

पहले पुण्य प्रसून वाजपेयी ने ट्वीट कर दिल्ली में शराब के ठेकों, होम डिलीवरी और उससे होने वाले राजस्व को लेकर इशारों ही इशारों में केजरीवाल सरकार पहल हमला बोला। उन्होंने ट्वीट कर कहा- "ये दिल्ली है….काश ग़ालिब होते ! 850 दुकान शराब की…. होम डिलीवरी शराब की…. राजस्व कमाई शराब से…."

वाजपेयी के ही ट्वीट पर रोहिणी सिंह ने रिप्लाई करते हुए कहा कि होम डिलीवरी, महिलाओं के लिए ठेके पर खड़ा होने से अच्छा है। उन्होंने ट्वीट कर कहा- "सच कहूं तो शराब की होम डिलीवरी एक अच्छा कदम है। सबसे पहले, यह सुनिश्चित करता है कि कोई भीड़भाड़ न हो और दूसरी बात यह है कि महिलाओं के लिए ठेके पर खड़े होने में असहजता महसूस करने के बजाय घर पर शराब का ऑर्डर देना आसान हो जाता है। आपको क्यों लगता है कि यह समस्याग्रस्त है"?

बता दें कि मोबाइल एप या ऑनलाइन वेब पोर्टल के माध्यम से आदेश प्राप्त होने पर लाइसेंसधारी, घरों पर शराब की डिलीवरी कर सकते हैं। हालांकि किसी भी छात्रावास, कार्यालय और संस्थान को कोई शराब की डिलीवरी नहीं की जाएगी। हालांकि केजरीवाल सरकार का ये कदम शुरू से ही विवादों में है।

इसके साथ ही केजरीवाल सरकार की नई शराब नीति पर भी हंगामा मचा हुआ है। सरकार का कहना है कि नई नीति का उद्देश्य सरकारी राजस्व में वृद्धि करना, शराब की दुकानों पर उपभोक्ता अनुभव में सुधार करना और भ्रष्टाचार को कम करना है। ये नीति दिल्ली में लागू हो चुकी है और बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही इस नीति की आलोचना कर रहे हैं। दोनों ही पार्टियां इसके विरोध में सड़कों पर उतरती दिख रही हैं।

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