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- उम्रकैद से लेकर फांसी...
नई दिल्ली: दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के खिलाफ सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर में जो धाराएं लगाई गई हैं, वे गैर जमानती हैं. दिल्ली हाईकोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले एडवोकेट अरुण गुप्ता Advocate Arun Gupta ने बताया कि मनीष सिसोदिया के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120बी, 477ए और भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा सात के तहत सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की है.अरुण गुप्ता बताते हैं कि धारा 120 बी आपराधिक षड्यंत्र रचने का मामला है. आपराधिक षड्यंत्र आपराधिक और आर्थिक दोनों हो सकते हैं. 120बी एक से अधिक आरोपियों के शामिल होने पर लगाया जाता है. इस धारा के तहत उम्रकैद और मौत की सजा तक दी जा सकती है.अरुण गुप्ता बताते हैं कि अगर किसी सरकारी अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ कूट रचना के जरिये धोखाधड़ी को अंजाम देने का आरोप है तो धारा 477ए लगाई जाती है. इसके तहत न्यूनतम सात साल की कैद की सजा का प्रावधान है. इसके अलावा भ्रष्टाचार निरोधक कानून के तहत तब आरोप लगाया जाता है तो देखा जाता है कि पद पर रहते हुए जो भ्रष्टाचार किया गया है उसकी गंभीरता कितनी है.
जाहिर है कि दिल्ली की आबकारी नीति के मामले में उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Delhi Deputy Chief Minister Manish Sisodia) के दिल्ली स्थित आवास पर सीबीआई की 12 घंटे से छापेमारी (CBI RAID) जारी है. उनके आवास के साथ-साथ शुक्रवार सुबह से ही गोवा, दमन दीव, हरियाणा, दिल्ली और यूपी सहित 7 राज्यों के 20 अन्य जगहों पर कई ब्यूरोक्रेट व कारोबारियों के यहां भी सीबीआई के छापे चल रहे हैं. खबर है कि टीम ने सिसोदिया के घर से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज किए गए हैं. कुछ हार्ड डिस्क को भी खंगाला है.बता दें, 17 अगस्त को सिसोदिया समेत 15 लोगों के खिलाफ सीबीआई ने FIR दर्ज की थी. इसकी पुष्टि शुक्रवार को हुई है. सुबह छापेमारी की सूचना मनीष सिसोदिया ने खुद ट्वीट कर दी थी. उन्होंने ट्वीट किया- सीबीआई आई है. उनका स्वागत है. हम कट्टर ईमानदार हैं. लाखों बच्चों का भविष्य बना रहे हैं. बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमारे देश में जो अच्छा काम करता है उसे इसी तरह परेशान किया जाता है. इसीलिए हमारा देश अभी तक नम्बर-1 नहीं बन पाया.