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बकाये का भुगतान न करने वाले बिल्डर की संपत्ति नीलाम होगी
नोएडा न्यूज़: उत्तर प्रदेश रेरा ने 101 बिल्डर के खिलाफ 1705 आरसी जारी की . इनसे 503 करोड़ रुपये वसूलने की तैयारी शुरू हो गई है. इसके लिए प्रशासन की ओर से पहले मुनादी कराई जाएगी. ये काम दो दिनों में पूरा होगा. फिर तहसील में बकायेदारों की सूची चस्पा होगी. इसके बाद भी पैसा नहीं जमा किया जाता तो बिल्डर की संपत्ति अटैच कर नीलामी की जाएगी.
बिल्डर परियोजनाओं में फंसे खरीदार रेरा की शरण में जाते हैं. रेरा के भी आदेश का पालन बिल्डर नहीं करते तो वह आरसी (रिकवरी सर्टिफिकेट) जारी कर देता है. जिला प्रशासन आरसी की वसूली करता है. डीएम मनीष कुमार वर्मा ने आरसी को लेकर जानकारी साझा की और सख्ती के साथ बिल्डर से वसूली करने के लिए कहा. इसके लिए जो रणनीति बनाई है, उसे भी बताया.
डीएम ने बताया कि इस समय उनके पास रेरा की ओर से जारी जारी 1705 आरसी हैं. ये आरसी 101 बिल्डर कंपनियों की हैं. इन आरसी के जरिये 503 करोड़ रुपये वसूल किए जाने हैं. वसूली के बाद यह पैसा खरीदारों को मिल सकेगा. डीएम ने बताया कि वसूली करने के लिए पहले बिल्डर के घर, ऑफिस में मुनादी कराई जाएगी. इसके लिए 40 टीम बनाई गई हैं. इससे पहले बकायेदारों को प्रशासन नोटिस जारी कर चुका है, लेकिन पैसा नहीं जमा किया. मुनादी के साथ ही तहसील परिसर में बकायेदारों की सूची चस्पा की जाएगी. इसके बाद भी पैसा नहीं जमा करते हैं तो उनकी संपत्ति को अटैच किया जाएगा. इसके बाद संपत्ति की नीलामी करके वसूली की जाएगी.
दूसरे जिलों के प्रशासन से सहयोग लेंगे डीएम ने बताया कि जिन बिल्डर से आरसी की रकम वसूलनी है, उसमें से अधिकतर के घर एवं दफ्तर दिल्ली, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुरुग्राम, आदि में हैं. जिले से बाहर कार्रवाई करने में अड़चन आती है, लेकिन अब वहां के स्थानीय प्रशासन से सहयोग लेकर कार्रवाई की जाएगी. इसके लिए तैयारी की जा रही है.
अब तक 350 करोड़ वसूले एडीएम एफआर वंदिता श्रीवास्तव ने बताया कि रेरा का गठन 2018 में हुआ था. तब से लेकर अब तक जिला प्रशासन ने के पास रेरा की 4571 आरसी आई हैं. इसमें 17.28 अरब की वसूली होनी है. इसमें से 724 आरसी का रेरा ने सेंटलमेंट करा दिया. इसके चलते ये आरसी वापस हुईं. इसी तरह कुछ बिल्डर एनसीएलटी में चले गए. इसके चलते इनकी 781 आरसी वापस की गईं. प्रशासन ने अब तक 350 करोड़ की वसूली की है. इसमें पिछले वित्तीय वर्ष में की गई करीब 200 करोड़ की वसूली शामिल है.