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मेट्रो सफर कर दिल्ली यूनिवर्सिटी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

Rani Sahu
30 Jun 2023 5:36 PM GMT
मेट्रो सफर कर दिल्ली यूनिवर्सिटी पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) शुक्रवार को दिल्ली यूनिवर्सिटी के शताब्दी समारोह (university centenary celebrations) शामिल हुए। उन्होंने कहा कि एक समय था जब छात्र किसी संस्थान में एडमिशन से पहले प्लेसमेंट को प्राथमिकता देते थे। एडमिशन का मतलब डिग्री और डिग्री का मतलब नौकरी होता था। शिक्षा यहीं तक सीमित थी।
उन्होंने कहा, ‘आज युवा जिंदगी को इसमें बांधना नहीं चाहता है। वह कुछ नया करना चाहता है। अपनी लकीर खुद खींचना चाहता है। 2014 से पहले भारत में सिर्फ कुछ सौ स्टार्टअप थे। आज इनकी संख्या एक लाख को पार कर गई है। कुछ दिन पहले अमेरिका की यात्रा पर गया। आपने देखा होगा कि भारत का सम्मान और गौरव कितना बढ़ा है, क्योंकि भारत की क्षमता और भारत के युवाओं पर विश्व का भरोसा बढ़ा है।’
PM अचानक मेट्रो से DU पहुंचे
PM अचानक मेट्रो से सफर कर DU पहुंचे। वे सुबह 11 बजे लोक कल्याण मार्ग मेट्रो स्टेशन गए। यहां उन्होंने टिकट काउंटर से टोकन लिया और उसके बाद वे प्लेटफॉर्म पहुंचे। मेट्रो में यात्रियों के साथ बातचीत भी की। दिल्ली विश्वविद्यालय की स्थापना 1 मई 1922 को हुई थी। इसमें 86 विभाग, 90 कॉलेज, 6 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स हैं।
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‘दिल्‍ली यूनिवर्सिटी का इतिहास खास है। यह सिर्फ एक यूनिवर्सिटी नहीं, बल्कि एक मूवमेंट है। इस यूनिवर्सिटी ने अपने लंबे इतिहास में हर आंदोलन को देखा और जिया है। आज DU में पढ़ने वाले लड़कों की तुलना में लड़कियों की संख्या ज्यादा हो गई हैं। इसी तरह देश में भी जेंडर रेश्यो में सुधार आया है। शिक्षण संस्थान की जड़ें जितनी गहरी होती हैं, देश की शाखाएं उतनी ही ऊंचाइयों को छूती हैं। भविष्य के लिए भी यूनिवर्सिटी और देश के संकल्पों में एकरूपता होनी चाहिए।’
100 साल पहले स्वतंत्रता लक्ष्य था। अब लक्ष्य 2047 तक विकसित भारत का निर्माण है। पिछली शताब्दी के तीसरे दशक में स्वतंत्रता संग्राम को नई गति दी। इस शताब्दी का ये तीसरा दशक भारत की विकास यात्रा को नई रफ्तार देगा। आज देशभर में बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय बनाए जा रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों में IIT और IIM जैसी संस्थाओं की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हुई है। ये न्यू इंडिया के बिल्डिंग ब्लॉक हैं।’
शिक्षा सिर्फ सिखाने नहीं, सीखने की भी प्रक्रिया है। लंबे समय तक शिक्षा का फोकस इसी बात पर रहा कि छात्रों को क्या पढ़ाया जाना चाहिए। हमने शिक्षा का फोकस इस पर भी किया कि छात्र क्या सीखना चाहता है। आप सबके प्रयास से नई शिक्षा नीति तैयार हुई। छात्र अपनी इच्छा से अपनी पसंद के विषयों का चुनाव कर सकते हैं।’


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